हरीश चंद्र गुप्ता की रिपोर्ट
उसका पिता सो रहा था, लेकिन उसके दिमाग में चल रही थी खौफनाक साजिश। रात के 2 बजे वो उठा। अपने पिता के कमरे में गया। उसके हाथ में एक छड़ी थी। सोते पिता को उसने गुस्से से देखा और फिर उस छड़ी से पिता के सिर पर वार कर दिया। पिता की चीख निकल गई। ये उनके सिर पर और बुरी तरह से मारने लगा। शोर सुनकर मां भी उठ गई। इसने उसी छड़ी से मां को भी मारना शुरू किया। मां तड़प रही थी, पिता भी तड़प रहे थे। ये उन्हें तब तक मारता रहा जब तक उनकी मौत नहीं हो गई।
7 मई की रात छत्तीसगढ़ के इस घर में खूनी रात के रूप में उभरी जब घर का बेटा ही परिवार के तीन लोगों का कातिल बन गया। माता-पिता को मारने के बाद भी इसका कहर नहीं थमा। थोड़ी देर बाद बुजुर्ग दादी शोर सुनकर उठी तो घर का हाल देखकर डर गई। हर तरफ खून के छींटे फैले हुए थे। वही बेटे और बहू की लाश थी और सामने था पोता। दादी कुछ समझ पाती उससे पहले इसने बुजुर्ग दादी पर भी उसी छड़ी से हमला कर दिया। कभी सिर पर मारता कभी पीठ पर। कुछ वार के बाद बुजुर्ग दादी की भी मौत हो गई।
माता-पिता और दादी की लाश को सैनिटाइजर से जलाया
अब इस लड़के के सामने तीन लाशें थीं और ये इन लाशों को ठिकाने लगाना चाहता था। इसके दिमाग में एक ख्याल आया। इसने रात होने का इंतजार किया। घर में काफी सारा सैनेटाइजर पड़ा था। उसने घर के पिछले हिस्से में कुछ लकड़ियां इकट्ठी की। उसके बाद उन लकड़ियों में और लाशों में सैनिटाइजर डाला और फिर उसमें आग लगा दी। ये तीन दिन तक ऐसे ही लाशों को जलाता रहा।
पुलिस में लिखवाई परिवार के लापता होने की रिपोर्ट
तीन दिन बाद ये पुलिस स्टेशन गया और अपने परिवार के लापता होने की रिपोर्ट लिखवा दी। इसे लगा कि ये सारे सबूत मिटा चुका है तो पुलिस को कुछ पता नहीं चल पाएगा। अपने पूरे परिवार को मारकर ये खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश कर रहा था। यहां तक कि इसने अपने पिता के मोबाइल से गांव के एक लड़के को फोन किया, ये दिखाने के लिए कि पिता जिंदा हैं। हालांकि, इस लड़के की यही चालाकी इसकी गिरफ्तारी की वजह बन गई। पुलिस ने फोन नंबर ट्रेस किया तो लोकेशन गांव की आई। तुरंत पुलिस ने उदित को गिरफ्तार कर लिया।
मैंने अपना बदला ले लिया’…
पुलिस भी इस लड़के देखकर हैरान रह गई। इसको अपने किए का कोई दुख नहीं था। इसने बताया कि ये उसका बदला था जो वो अपने माता-पिता से लेना चाहता था। कोई बेटा अपने माता-पिता से किस बात का बदला ले सकता है। पुलिस पूछताछ में उदित ने हैरान करने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि उसके पिता उसे बचपन से ही काफी ज्यादा डांटा करते थे। उसका भाई अमित पढ़ने में अच्छा था। उसकी घर पर काफी तारीफ होती थी जबकि उदित की पढ़ाई में कमजोर था। पिता टीचर थे तो वो चाहते थे कि उदित भी पढ़ाई-लिखाई करे और इसलिए वो उसे काफी डांटते थे। बस यही बात उसके दिमाग में भरती चली गई। वो अपने परिवार से बदला लेना चाहता था और इसलिए उसने बेरहमी से सबको मार डाला।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."