दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की ओर से शाइस्ता परवीन को माफिया घोषित किए जाने पर सवाल खड़ा कर दिया है। उन्होंने पूछा है कि शाइस्ता परवीन को माफिया लिखना कितना सही है? एक महिला को माफिया कैसे लिखा जा सकता है? अखिलेश यादव का यह बयान कई मायने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, अभी तक अखिलेश यादव के अतीक अहमद और अशरफ की प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल परिसर में तीन शूटरों की ओर से हत्या किए जाने पर कोई बड़ा स्टैंड लेता नहीं देखा गया था। इस मामले को यूपी नगर निकाय चुनाव में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जोरदार तरीके से उठाया। अतीक- अशरफ की हत्या के लिए उन्होंने भाजपा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। ऐसे में अब शाइस्ता परवीन को माफिया लिखे जाने पर सवाल खड़े कर अखिलेश यादव ने एक नई राजनीति के संकेत दे दिए हैं। यूपी नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से पहले उनके बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यूपी पुलिस पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर भी निशाना साधा है। शाइस्ता परवीन को माफिया लिखे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह भाषा पुलिस की नहीं है। यह भारतीय जनता पार्टी की भाषा है। भारतीय जनता पार्टी यूपी पुलिस को चला रही है। अखिलेश के बयान पर अब राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही, माफिया का साथ देने वाली पार्टी के तौर पर भी पेश करना शुरू कर दिया है। वहीं, राजनीतिक महकमे यह सवाल उठने लगा है कि क्या कभी समाजवादी पार्टी के साथ रहे अतीक अहमद के परिवार और शाइस्ता को अखिलेश यादव अपना समर्थन दे रहे हैं?
तौकीर रजा के बयान पर घमासान
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के बयान के बाद अखिलेश यादव के बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, बरेली के फरीदपुर में रविवार की रात काउंसिल समर्थित प्रत्याशी इफ्तिखार के समर्थन में एक जनसभा में मौलाना तौकीर ने कहा कि अगर अतीक और अशरफ की हत्या का बदला लेना है। आजम खान के ऊपर हुए जुल्मों का बदला लेना है तो मुसलमानों तुम्हें खुद को बदलना होगा। अगर अपने हालात दुरुस्त रखना चाहते हो तो तुम्हें अपने तौर-तरीके बदलने होंगे। मुसलमानों जैसा बनना होगा। अगर तुम नहीं बदले इससे भी बुरा हश्र होगा।
आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कहा कि मुसलमान पर जब भी जुल्म और ज्यादती हुई है। उन्होंने कभी उसकी बिरादरी नहीं देखी। उन्होंने कहा कि अतीक-अशरफ की हत्या और आजम खां की जिल्लत के लिए जितनी जिम्मेदार भाजपा है, उससे कम जिम्मेदार समाजवादी पार्टी भी नहीं है। अखिलेश यादव का उतना ही हाथ है, जितना भाजपा का हाथ है। तौकीर रजा के इस बयान ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाई है।
क्या समीकरण टूटने का डर?
मौलाना तौकीर रजा ने यूपी निकाय चुनाव में मुसलमानों को अपनी ताकत दिखाने का संदेश दिया। इससे समाजवादी पार्टी उम्मीदवारों को माय (मुस्लिम + यादव) समीकरण टूटने का डर सताने लगा है। अतीक अहमद के खिलाफ हुए एक्शन पर अब तक कमोबेश उदासीन रहे अखिलेश यादव ने अब शाइस्ता का मुद्दा उठाकर मुसलमान वोटरों के बीच खुद को स्थापित रखने का संदेश देने की कोशिश की है। मायावती, एआईएमआईएम और अब आईएमसी की ओर से गरमाए जा रहे मुद्दों के बीच चुनावी मैदान में नुकसान को पाटने की कोशिश के रूप में अखिलेश के इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम
उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के आरोप में माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को इनामी घोषित किया गया है। शाइस्ता पर उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। 25 फरवरी को दिनदहाड़े प्रयागराज में वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद आरोपी शूटरों के साथ शाइस्ता परवीन को देखा गया था। इस हत्याकांड की जांच तेज होने के बाद से शाइस्ता फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ है। वहीं, उसके प्रयागराज से स्टीमर के जरिए गंगा नदी के रास्ते भागने की बात कही जा रही है। इन तमाम मामलों के बीच अखिलेश यादव के ताजा हमले ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."