कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। बंथरा नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत मुकाबला जबरदस्त होता जा रहा है। यहां पर सिर्फ तीन ही चेयरमैन प्रत्याशी मुकाबले में दिखाई पड़ रहे हैं। तीनों प्रत्याशियों की लड़ाई त्रिकोणीय देखने को मिल रही है।
हम आपको बताते चलें कि विगत 6 माह पूर्व से ही रंजीत रावत की माता जी रामावती रावत चुनाव मैदान में खुलकर सामने आ चुकी थी साथ ही बीएसपी की उम्मीदवार भी है। लेकिन देखा जाए तो रामावती की दावेदारी इसलिए सुनिश्चित है क्योंकि लोकल की रहने वाली है साथ ही काफी समय से जनता जनार्दन के बीच में अच्छी खासी पकड़ मानी जा रही है। इसलिए जनसमर्थन जनता जनार्दन की भीड़-भाड़ को देखते हुए अंदाजा यही लग रहा है कि सीट बीएसपी प्रत्याशी के खाते में जा सकती है।
क्षेत्रीय लोगों की मानें तो कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार गनेशी रावत भी किसी से पीछे नहीं दिखाई दे रहे हैं। गनेशी रावत की बात करें तो उनके साथ क्षेत्रीय नेता रुद्रदामन सिंह उर्फ बबलू भैया का व्यक्तिगत प्रभाव क्षेत्र में भारी पड़ता दिखाई दे रहा। इसलिए अभी कुछ कहां नहीं जा सकता, क्योंकि क्षेत्र में जनता जनार्दन की चुप्पी से लोग असमंजस में दिखाई पड़ रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी विमला बहादुर की बात करें तो इन्होंने सब प्रत्याशियों के समीकरण पर पानी फेर दिया। क्षेत्र में विमला बहादुर के द्वारा स्थित बिकट परिस्थितियों में लाकर खड़ी कर गई हैं।
इस समय क्षेत्र में चेयरमैन पद के उम्मीदवारों के तीन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला जबरदस्त है। यदि सच्चाई से अवगत कराया जाय तो इस त्रिकोणीय लड़ाई में सिर्फ रंजीत रावत का काफी नुकसान दिखाई दे रहा है।
सत्ता धारी बीजेपी सरकार की बात करें तो प्रत्याशी सही न होने के कारण क्षेत्रीय जनता जनार्दन का रुख़ ठीक नहीं दिखाई पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी के प्रत्याशी की हालत क्षेत्र में बहुत खराब स्थिति में दिखाई दे रही।
लोगों का कहना है कि बीजेपी सरकार द्वारा क्षेत्र में प्रत्याशियों का आकलन करने में नाकाम साबित हुई। इसलिए क्षेत्रीय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का जोश क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रहा है।
लेकिन वर्तमान समय में मुकाबला सपा बसपा एवं कांग्रेस पार्टी के बीच जबरदस्त देखने को मिल रहा है।
अब देखना है कि बंथरा कस्बे में चेयरमैन पद के कौन उम्मीदवार चुनावी मैदान बाजी मारेगा ? यह देखने वाली बात है लेकिन सभी क्षेत्रीय नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी नेताओं के द्वारा भी साम दाम दण्ड भेद लगाने के प्रयास में किए जा रहे हैं लेकिन सफलता कोसों दूर खड़ नजर आ रही है।
Author: samachar
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