टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
हसीना पारकर। यह नाम कई लोगों ने बॉलीवुड फिल्म के जरिये पहली बार सुना होगा लेकिन जो लोग मुंबई के निवासी हैं, वो इस नाम को बहुत करीब से जानते हैं।
यह कहानी है एक पुलिस आरक्षक के बेटे की जो कि अपराध की दुनिया में चला गया और उसकी बहन भी इस काम में जुट गई। मुंबई को सपनों की नगरी ऐसे ही नहीं कहा जाता। यहां अगर भाग्य ने साथ दे दिया तो फिर आपके सितारे बुलंद समझिये। ऐसा ही एक दौर था जब मुंबई की अवाम की किस्मत एक भाई-बहन के हाथों में थी। यह शख्स एक पुलिसकर्मी का बेटा था और उसकी बहन हसीना पारकर भी लोगों को इशारों पर नचा रही थी। यह आदमी थी अंडरवर्ल्ड का डॉन दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन थी हसीना पारकर। जब दाऊद देश से भाग गया तब हसीना ने मुंबई पर राज किया। यह है लेडी डॉन हसीना पारकर की कहानी।
कौन थी हसीना पारकर
मुंबई में दाऊद से पहले हाजी मस्तान और करीम लाला जैसे माफिया चलन में थे। उनके बीच हसीना ने अपनी पैठ बनाई। उसे जुर्म की दुनिया की गॉड मदर कहा जा सकता है। हसीना पारकर महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के मुमका गांव में पैदा हुई थी। वह कुल 12 भाई-बहन थे। इनमें से हसीना 7वीं संतान और दाऊद इब्राहिम तीसरे क्रम पर है। हसीना पारकर कुख्यात डकैत, ड्रग डीलर और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम कासकर की छोटी बहन थी। इनके पिता इब्राहिम कास्कर मुंबई पुलिस विभाग में एक हेड कांस्टेबल थे। मां अमीना बी एक गृहिणी थीं। हसीना के पति इस्माइल पारकर को अरुण गवली और गिरोह ने 1991 में गोली मार दी थी। इसके बाद ही वह अंडरवर्ल्ड के मामलों में शामिल हुईं।
इन बड़े जुर्मों में रही शामिल
हसीना को अपने भाई दाउद के नाम का काफी लाभ मिला। वह खुद भी एक स्थापित माफिया तंत्र का हिस्सा थी। फिरौती, जबरन वसूली, हवाला कारोबार, फिल्मों के ओवरसीज राइट्स लेना, केबल कारोबारियों से प्रोटेक्शन मनी लेना उसके मुख्य धंधे थे। उसका असर ऐसा था कि एसआरए योजनाओं के तहत अपने प्लॉट के पुनर्विकास के लिए झुग्गीवासियों से “अनुमति” प्राप्त करने में मदद करने के लिए बिल्डर उससे ही बात करते थे।
हसीना पर सरकारी लैंड प्रोजेक्ट के मामले में एक बार ही एफआईआर दर्ज की गई थी।
बेटे की सड़क हादसे में मौत
हसीना के परिवार में उनके पति इस्माइल, दानिश और अली शाह नाम के दो बेटे और दो बेटियां थी। इनमें से एक की शादी 2005 में हो गई थी। बड़े बेटे दानिश की 2006 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। हसीना अपने छोटे बेटे अली और पारिवारिक सहयोगी सलीम के साथ मिलकर काम संभालती थी।
दाऊद और हसीना का गहरा रिश्ता
हसीना को हमेशा भाई दाऊद इब्राहिम का सपोर्ट करने के लिए जाना जाता है। बताया जाता है कि दाऊद के दुबई जाने के बाद हसीना ने उसके नक्शेकदम पर मुंबई में सारा कारोबार संभाला। कई रिपोर्टों की मानी जाए तो हसीना पारकर के पास 5000 करोड़ की बेनामी प्रापर्टी थी।
इन विवादों के साथ नाम जुड़ा
– हसीना पारकर कथित तौर पर भाई दाऊद इब्राहिम के कहने पर ही मुंबई में जबरन वसूली का रैकेट चला रही थी।
– उसके नाम पर 88 मामले दर्ज थे लेकिन उसे केवल एक ही बार कोर्ट भेजा गया।
– उसके खिलाफ वर्ष 2008 में जबरिया वसूली का केस दर्ज किया गया था।
– हसीना पारकर पर एक बार हवाला रैकेट का हिस्सा होने का भी आरोप लगाया गया था। इसके अनुसार वह देश से मध्य पूर्व में पैसा भेजती थीं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."