राकेश तिवारी और इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया: देवरिया जिले के (Deoria Nagar Nikay Chunav 2023) राजनीतिक फ्रेम से बाहर हो चुकी कांग्रेस पार्टी नगर निकाय चुनाव में अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। एक समय था जब किसी भी चुनाव में कांग्रेस का नाम ही जीत के लिए काफी होता था, लेकिन धीरे-धीरे पार्टी का ग्राफ गिरता गया और लोग इस दल से दूर होते गए। जिले की दो नगरपालिकाओं और 15 नगर पंचायतों में कांग्रेस मात्र दस सीटों पर प्रत्याशी उतार सकी है। बाकी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भी नहीं ढूंढ पाई। सभासद पद के लिए भी यही हाल है।
निकाय चुनाव में सभी सीटों पर नहीं मिले उम्मीदवार
देवरिया जिले में दो नगरपालिका और 15 नगर पंचायत सीटें हैं और कुल 262 वार्ड हैं। इस बार नगर निकाय चुनाव में सभी पार्टियां अपने-अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ रही हैं। जिसके चलते सभी प्रमुख दलों में टिकट को लेकर मारामारी मची है। जिन दावेदारों को प्रमुख दलों से टिकट नहीं मिला उन लोगों ने बगावत भी कर दी है। मगर कांग्रेस के दफ्तर पर सन्नाटा ही छाया रहा, लाख कोशिशों के बाद भी कांग्रेस पार्टी को सभी सीटों पर उम्मीदवार नहीं मिले।
मात्र दस सीटों पर लड़ रही है कांग्रेस
देवरिया जिले की 17 सीटों में मात्र 10 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। बाकी 7 सीटों पर कांग्रेस का कोई प्रत्याशी नहीं है। सभासद की सीटों पर भी गिनती की उम्मीदवार है। देवरिया जिले की जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है । उनमें देवरिया नगर पालिका सीट पर मनोरमा कुशवाहा, बरहज से राधारमण पांडेय, तरकुलवा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए रामेश्वर, रुद्रपुर से रीता यादव, सलेमपुर से धनंजय कुमार, लार से फिरोज, गौरी बाजार से साकिर हुसैन, मझौली राज से पारसनाथ, भाटपार रानी से ऋषिकेश सिंह तथा भलुअनी नगर पंचायत से भोला प्रसाद अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं। बाकी 7 सीटों पर कांग्रेस की चर्चा भी नहीं है।
कभी कांग्रेस का नाम लेकर जीत जाते थे प्रत्याशी
एक समय था जब जिले में ग्राम प्रधान से लेकर लोकसभा तक के चुनाव में कांग्रेस समर्थित लोगों का ही कब्जा रहता था। हालांकि उस वक्त विधानसभा से नीचे के चुनाव में पार्टियों का हस्तक्षेप नहीं के बराबर था। मगर फिर भी कांग्रेस का नाम लेकर लोग कम मेहनत में ही चुनाव जीत जाते थे। मगर अब हाल यह है कि देवरिया एवं बरहज नगर पालिका के प्रत्याशियों की नुक्कड़ सभा में तो भीड़ नजर आ रही है। मगर बाकी जगहों पर प्रत्याशियों के साथ घूमने के लिए कार्यकर्ता तक नहीं है।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप त्रिपाठी कहते हैं कि कांग्रेस की लहर न होने के बावजूद भी कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है। देवरिया जिले की 11 सीटों पर पार्टी मजबूती से लड़ रही है। जहां पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार नहीं है वहां भी पार्टी समर्थित लोग लड़ रहे हैं। कई सीटों पर हमारे उम्मीदवार जीतने की स्थिति में है।
पूर्व जिलाध्यक्ष सुयस मणि की मानें तो भारत जोड़ो अभियान से पार्टी को काफी लाभ मिला है। हर क्षेत्र में लोग खासकर युवा वर्ग पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं और आने वाला समय कांग्रेस का है। पूर्व पीसीसी सदस्य सुहेल अंसारी करते हैं कांग्रेस का जनाधार धीरे-धीरे पड़ रहा है युवा वर्ग पार्टी के साथ जुड़ रहा है। चुनाव में हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."