ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
फरीदाबाद: मेडिकल रिपोर्ट ने पांच साल के मासूम पर किए गए जुल्म की दास्तां सुनाई है। इसके आधार पर कोर्ट ने मामले को संगीन माना है और आरोपी सौतेले पिता की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि मासूम को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया जा रहा था। उसके शरीर के हर हिस्से के निशान और सूजन मिली थी। प्राइवेट पार्ट को माचिस की तिल्ली और बीड़ी से जलाया गया था। दिनभर भूखा रखा जाता था और रोने पर डंडे व बेल्ट से पीटा जाता था। आरोपी फरीदाबाद की सुभाष कॉलोनी निवासी 24 साल का सोनू है। उसके खिलाफ आदर्श नगर थाने में पांच अक्टूबर 2020 को पिटाई, जान से मारने की धमकी, पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सामने बच्चे ने बयान दर्ज कराया था। उसकी मां ने सोनू के साथ दूसरी शादी की थी। आरोप है कि शादी के बाद से बच्चे पर अत्याचार शुरू हुआ। आरोप है कि खाना मांगने पर पिता बेल्ट से पिटाई करता था। रोने पर उसे जान से मारने और जिंदा जलाने की धमकी देता था।
घर से निकलने नहीं दिया जाता था
मां से बच्चे ने ये बात बताई, लेकिन उसने कुछ नहीं किया। उसे पूरे दिन भूखा रखा जाता था। भूख के कारण रोने पर डंडे से पीटा जाता। उसे घर से निकलने की अनुमति नहीं थी। सोने पर भी पिता पीटता था। केस दर्ज होने से चार-पांच दिन पहले उसके पिता ने उसे पीटा था। बीड़ी से उसे दागा गया। प्राइवेट पार्ट पर भी मारा। 4 अक्टूबर 2020 को नाना-नानी घर आए तो बच्चे ने उन्हें सब बताया। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। आरोपी को अरेस्ट किया गया। बच्चे की मां को भी अरेस्ट किया गया था।
प्राइवेट पार्ट्स पर कई चोटें
आरोपी ने कोर्ट में पांचवीं बार जमानत के लिए याचिका लगाई। इस दौरान कोर्ट के सामने बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट का उल्लेख किया गया। प्राइवेट पार्ट्स पर मल्टीपल इंजरी मिली हैं। पूरी कमर पर चोटों के निशान मिले। काटे जाने के निशान मिले। चेहरे और गालों पर भी चोट और सूजन थी। हाथ-पैर सहित शरीर के हर हिस्से में चोटें मिलीं। बच्चे को गंभीर हालत के कारण दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस टॉर्चर के कारण उसके लीवर अन्य अन्य अंगों में भी दिक्कत हो गई थी। फ्रेक्चर भी मिला। प्राइवेट पार्ट में लकड़ी और चम्मच घुसाई जाती थी। उसके साथ सेक्सुअल असॉल्ट भी किया गया।
आरोपी ने अपनी जमानत याचिका में खुद को बेकसूर बताते हुए सभी आरोपों को झूठा बताया। साथ ही कहा कि सहअभियुक्त को जमानत मिल चुकी है, इस लिहाजा उसे उसे भी जमानत दी जाए। कोर्ट ने पाया कि जमानत के लिए उसके चार प्रार्थना-पत्र रद्द हो चुके हैं। कोर्ट ने कहा है कि तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार जो आरोप हैं वे गंभीर हैं। इसे देखते हुए आरोपी जमानत का हकदार नहीं है। उसकी बेल एप्लिकेशन को रद्द कर दी गई।
नाबालिग से रेप के आरोपी को भी जमानत नहीं
दूसरे मामले में कोर्ट ने नाबालिग को होटल में ले जाकर रेप के आरोपी की जमानत अर्जी भी खारिज की है। डबुआ कॉलोनी निवासी आरोपी इमरान खान के खिलाफ महिला थाने में 14 अप्रैल को पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। वह पड़ोस में रहने वाली किशोरी को डबुआ के एक होटल में एक अप्रैल 2022 को ले गया था। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। तीन अप्रैल को किशोरी को आरोपी उसके घर छोड़ गया। पुलिस ने केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। उसने जमानत याचिका में खुद को बेकसूर बताया। कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर उसकी याचिका खारिज कर दी।
Author: samachar
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