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November 1, 2024 9:52 pm

“कर्फ्यू न दंगा यूपी में सब चंगा” ; रंगदारी न फिरौती, यूपी नहीं है अब किसी की बपौती’ ; योगी ने जनसभा में भरी हुंकार 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

सहारनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- अब यूपी में माफिया अतीत हो गए हैं, राज्य सुरक्षा-खुशहाली और रोजगार का प्रतीक बन रहा है। नो कर्फ्यू- नो दंगा, यूपी में सब चंगा। रंगदारी न फिरौती, यूपी नहीं है अब किसी की बपौती। वे सोमवार को निकाय चुनाव का प्रचार करने सहारनपुर पहुंचे थे।

जनसभा को संबोधित कर रहे CM योगी ने कहा, अब माफिया नहीं… महोत्सव हमारी पहचान। अब उपद्रव नहीं… उत्सव हमारी पहचान है। योगी ने लोगों से डबल इंजन सरकार से ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की अपील की।

पहले हमले होते थे, अब कांवड़ यात्रा निकलती है

उन्होंने कहा- आने वाले वक्त में सहारनपुर से दिल्ली की दूरी 2 घंटे में पूरी हो जाएगी। अभी 3 घंटे लगते हैं। पहले डिग्री के लिए मेरठ जाना होता था, अब सहारनपुर में ही विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है। यहां के छात्रों को मां शाकंभरी की तस्वीर वाली मार्कशीट मिलेगी।

यहां के कलाकार अब वैश्विक स्तर पर अपना नाम कर रहे हैं। अब ऐसा कौन होगा, जिसके पास सहारनपुर का फर्नीचर न हो। काष्ठ कला को नमस्कार करता हूं। 2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से फुरसत नहीं थी। कैसे सिख भाइयों पर अत्याचार हुआ था। हमले हुए थे। अब कांवड़ यात्रा निकलती है…। पहले युवाओं पर झूठे मुकदमे होते थे, अब वो जॉब करने जा रहे हैं।

पहले शोहदों का आतंक था, बेटियां घर से नहीं निकल पाती थीं

उन्होंने कहा- पहले शोहदों का आतंक होता था। बेटियां घर से बाहर पढ़ने नहीं निकल पाती थीं। लेकिन, आज आप देख रहे होंगे कि यूपी में भयमुक्त वातावरण देने में सरकार सफल हुई है। यूपी की नई तस्वीर प्रस्तुत की जा सकी है। कोरोना काल में आपने देखा होगा कि दुनिया पस्त थी। भारत में फ्री में वैक्सीन, फ्री में इलाज और फ्री में राशन उपलब्ध कराया जा रहा था।

डेवलपमेंट में स्मार्ट सिटी बनाने का काम रहा हो, नगरीय निकाय के विस्तारीकरण का काम हो, युद्धस्तर पर इन कामों को आगे बढ़ाया गया। पहले सहारनपुर की अनदेखी होती थी। अब मां शाकंभरी तक रेलवे लाइन से जोड़ने के काम पूरे हो चुके हैं। अब रोड की बेहतरीन कनेक्टिविटी हो चुकी है। अब एयर कनेक्टिविटी पर काम चल रहा है।

आपको तय करना होगा कि यूपी में जातिवादी सरकार चाहिए या विकासपरक

मैं आपके बीच यही अपील करने आया हूं। तय करना होगा कि 2017 से पहले वाली जातिवादी सरकार चाहिए या विकासपरक सरकार चाहिए। हमें तय करना होगा कि युवाओं के हाथ में तमंचे हों या स्मार्ट फोन। अपराधियों की गोलियों की तड़तड़ाहट होनी चाहिए या स्ट्रीट वेंडरों को जगह देने वाली सरकार चाहिए। हमारी प्राथमिकता स्मार्ट सिटी होनी चाहिए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."