दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
शौहर सलाखों में था गुनाह की सत्ता हाथ से खिसकती जा रही थी फिर भला शाइस्ता शौहर की साजिश में शामिल होकर उसे अंजाम तक कैसे नहीं पहुंचाती… तो आइये अब हम आपको बताते हैं एक खातून की रिवायती सोच के रंगबाज बनने की कहानी…
शाइस्ता परवीन जो लेडी डॉन बनने के रास्ते पर निकल चुकी है। अगर ठेठ यूपी की जुबान कहें तो बेगम रंगबाज बन चुकी हैं, क्योंकि गुनाह की किताब में तो उसका नाम बहुत पहले दर्ज हो चुका था। अभी तो सिर्फ किताब का शीर्षक दिया गया है… जी हां, रंगबाज बेगम। घर की जिम्मेदारी ने शाइस्ता की जिंदगी को घर की दहलीज तक ही महदूद कर दिया, लेकिन शौहर गुनाह की गलियों को आबाद करता रहा… शाइस्ता गुनाह की गलियों की गलियों के उस शोर को घर की दहलीज के अंदर भी सुनती समझती रही।
लेकिन, गुनाह की गलियों में रंगबाज बेगम की कहानी में शाइस्ता अकेली नहीं हैं, बल्कि जुर्म के उस मुख्तार की बेगम के रुख से भी नकाब हटाने की तैयारी हो रही है। उस दूसरी रंगबाज बेगम की हिजाब पर भी ईनाम का ऐलान है। इंतजार है तो उसके सूरत सीरत दोनों के बेनकाब होने की… आफशां अंसारी जुर्म के मुख्तार के गुनाह की वो राजदार है जिसका किरदार अब तक सामने नहीं आ पाया था, लेकिन जैसे ही कानून के मुलाजमों ने नकाब की तहें खोलनी शुरू की…बेपर्दा होनी शुरू हो गई। उसकी वो कहानी जो अब तक पर्दे में थी।
पुलिस के मुताबिक आईएस 191 गैंग के सरगना मुख्तार अंसारी की पत्नी पर मऊ पुलिस अधीक्षक ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। मऊ जनपद के थाना दक्षिण टोला में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 20/22 धारा 3(1) में वांछित अभियुक्ता अफशां अंसारी के कोर्ट के समक्ष हाजिर नही होने के कारण मऊ के एसपी अविनाश पांडेय ने यह इनाम घोषित किया है। अफशां अंसारी गाजीपुर जनपद के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के दर्जी मोहल्ला की रहने वाली हैं।
अफशां में किस मामले पर कसा गया शिकंजा, यहां जानिए
मऊ जनपद के थाना दक्षिण टोला क्षेत्र के रैनि गांव के पास विकास कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म बनाकर जमीन ली गई और उस पर एक गोदाम का निर्माण कराया गया था। उस गोदाम को फर्म के द्वारा एफसीआई को किराए पर दिया गया था। यह फर्म पांच लोगों के नाम रजिस्टर्ड थी। इसमें मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी, उसके दोनों साले अनवर सहजाद और आतिफ रजा साथ ही रविन्द्र नरायन सिंह, जाकिर हुसैन उर्फ विक्की शामिल हैं। एंटी भू माफिया के तहत राजस्व विभाग के द्वारा जांच में यह पाया गया कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म के द्वारा अनुसूचित जातियों को पट्टे पर दी गई जमीन को गलत तरीके से अपने नाम करा लिया गया। साथ ही कुछ और लोगों की जमीन भी गलत तरीके से ले ली गई थी। तत्कालीन तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले की जांच कराई. जांच में विकास कंस्ट्रक्शन फर्जीवाड़े की दोषी पाई गई। तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर 2020 में मऊ के दक्षिण टोला थाने में मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों सहित 05 लोगों के खिलाफ अवैध और फर्जी तरीके से जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ। इसमें मुकदमा अपराध संख्या 129 /20 में धारा 419 ,420 ,467,468, 471, 3/4 लोक संपत्ति क्षति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
इसी मुकदमे के बाद जून 2021 में प्रशासनिक अधिकारियों और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इस फर्म के गोदाम के पीछे स्थित बाउंड्रीवाल को गिरा कर कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराया गया। इस मुकदमे में आफशां अंसारी के अलावा बाकी चारों अभियुक्त कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत हो चुके हैं। मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी तब से ही फरार है. बाद में इसी मुकदमे को आधार बनाते हुए 31 जनवरी 2022 को 20/22 धारा 3(1) गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया। इस मुकदमे के दर्ज होने के बाद भी अफशां अंसारी लगातार फरार रहीं. मऊ पुलिस ने कई बार गाजीपुर जनपद में उनके आवास और संभावित ठिकानों पर उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन फलता नहीं मिली। मुख्तार अंसारी की पत्नी के द्वारा कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी जमानत नहीं कराए जाने और लगातार नोटिस के बाद भी फरार रहने के कारण 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गाजीपुर में भी अफशां पर गजल होटल लैंड डील और नंदगंज में सरकारी जमीन कब्जा करने के मामले में दर्ज मुकदमे में पहले 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। अब गाजीपुर पुलिस ने उसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."