हरीश चंद्र गुप्ता और सुमित गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा शहर में हुई एक शादी सुर्खियों में है। दरअसल, नर्सिंग होम अस्पताल में भर्ती एक युवती से शादी करने के लिए दूल्हा बारात लेकर पहुंचा। परिजनों की मौजूदगी में दूल्हा-दुल्हन ने विवाह की रस्म अदा की। हॉस्पिटल के एक कमरे में ही शादी की सभी रम्में हुई। दुल्हन की बड़ी आंत में छेद था जिस कारण उसका ऑपरेशन हुआ था।
बीमार हुई दुल्हन, तो अस्पताल में हुईं शादी
दरअसल, ग्राम बैजलपुर की रहने वाली रश्मि उर्फ लक्ष्मी पिता अगरदास महंत की शादी 20 अप्रैल को सक्ति जिला के परसाडीह गांव से राज उर्फ बंटी तय हुआ था। दोनों परिवार में खुशी का माहौल था धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदार के यहां निमंत्रण दिया जा चुका थे, अचानक रश्मि की तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दुल्हन का हुआ था बड़ी आंत का ऑपरेशन
घर में खुशी का माहौल था धूमधाम से शादी करने के लिए सभी रिश्तेदार के यहां निमंत्रण दिया जा चुका थे। अचानक रश्मि की पेट दर्द के कारण उसे अस्पताल में चेकअप के लिए ले जाया गया। जहां पता चला कि उसकी बड़ी आंत में छेद है। डॉक्टर ने बताया कि रश्मि की इलाज जल्द से जल्द नहीं करने पर यह तकलीफ घातक हो सकती है। इसके बाद उसका ऑपरेशन कराया गया।
शादी के पांच दिन पहले हुआ दुल्हान का ऑपरेशन
रश्मि के परिजनों ने उसके बीमार होने की जानकारी वर पक्ष को दी। जिसके बाद दूल्हे का परिवार ने रश्मि के इलाज को महत्व देते हुए अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय किया और मुहूर्त में शादी करने का निर्णय लिया, क्योंकि दोनों परिवार के लिए यह शादी का समय बढ़ाना संभव नहीं था। इसके बाद दोनों परिवार ने आपसी तालमेल बनाते हुए तय मुहूर्त में ही शादी करने का निर्णय लिया और रश्मि का इलाज जारी रखने कहां, वहीं रश्मि के शादी के 5 दिन पहले ऑपरेशन हुआ।
बारात लेकर अस्पताल पहुंचा दूल्हा
20 अप्रैल को दूल्हा राज अपने परिजनों के साथ बारात लेकर सीधा अस्पताल पहुंचा और परिसर में ही रीति रिवाज से शादी संपन्न कराया। अस्पताल परिसर में मौजूद सभी स्टाफ परिवार जनो के साथ अन्य मरीजों के परिवार वाले इस अनोखी शादी के गवाह बने। सभी को फिल्म में शादी होने की याद ताजा हो गयी।
अस्पताल में हुई राज और रश्मि की शादी की रस्में
दुल्हन रश्मि अस्पताल में भर्ती थी तो राज बारात लेकर वहीं पहुंचा। जिसके बाद अस्पताल परिसर में ही रीति रिवाज से शादी संपन्न कराई गई। अस्पताल स्टाफ और अन्य मरीजों के परिवार वाले इस अनोखी शादी के गवाह बने।
डॉक्टरों और परिजनों ने दिया वर-वधु को आशीर्वाद
डॉक्टर स्टॉप सहित परिवार वालों ने वर-वधु को आशीर्वाद दिया और उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए रश्मि को जल्द स्वस्थ होने का प्रार्थना की। वहीं रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों परिवार की माली हालत अच्छी नहीं होने के कारण शादी को आगे ले जाना संभव नहीं था। लड़की पक्ष के लोगों ने बताया कि जो पैसा शादी के लिए जमा कर रखा था वह इलाज के दौरान खर्च हो गए, ऐसे में इलाज जरुरी था। इसके लिए वर पक्ष ने उनकी मदद की है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."