राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर: गोरखपुर में निकाय चुनाव के मद्देनजर वाहन चेकिंग के दौरान विशेष प्रकार की प्रजाति वाले 34 कछुआ और स्कॉर्पियो गाड़ी के साथ चार तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। बताया जा रहा है कि इन कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाना था। जहां से इन्हें चीन, सिंगापुर, नेपाल, पाकिस्तान जैसे देशों को निर्यात किया जाता है इन देशों में इनकी भारी डिमांड है।
मिले दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए
निकाय चुनाव को लेकर पुलिस द्वारा की जा रही वाहनों की चेकिंग के दौरान कैंट पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। स्कॉर्पियो गाड़ी में उन्हें विशेष प्रजाति के 34 कछुओ सहित चार तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। जानकारी के मुताबिक इन कछुओं को यहां से पश्चिम बंगाल और फिर बांग्लादेश भेजा जाना था।
बांग्लादेश से इन कछुओं को चीन, पाकिस्तान ,नेपाल, इंडोनेशिया, सिंगापुर जैसे देशों में को निर्यात किया जाता है ,जहां इनकी भारी मांग होती है। इन कछुओं से शक्ति वर्धक दवाइयां बनाई जाती हैं।जिन्हे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में मांगी कीमत पर बेचा जाता है। स्थानीय स्तर पर यह कार्य पिछले कई वर्षों से किया जा रहा।
चीन, पाकिस्तान, सिंगापुर, में किया गया निर्यात
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि बीती रात वाहन चेकिंग के दौरान कैंट पुलिस को एक स्कॉर्पियो गाड़ी में रखें बोरे की तलाशी के दौरान दुर्लभ प्रजाति के 34 इंडियन फ्लैश सेल टर्टल मिले, जिन्हें तस्करी के लिए एक बंगाली डॉक्टर के पास ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए चारों तस्करों से पूछताछ में उन्होंने बताया कि बंगाली डॉक्टर द्वारा इन कछुओं को यहां से बांग्लादेश भेजा जाता है।
जानिए 1 कछुए कीमत, विदेशों में खूब डिमांड
एक कछुए की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 30 से ₹40 हजार रुपए है। लेकिन स्थानीय स्तर पर इन कछुओं को किलो के भाव में इन तस्करों को बेचा जाता है। रामगढ़ ताल और आस पास की नदियों से इन कछुओं को पकड़ा जाता है। इन्हें पकड़ने के लिए एक स्पेशलिस्ट है जो इन कछुओं को पकड़ता है और इन्हें तस्करों को सौंप देता है। एक कछुए का वजन 15 से 20 किलो के आसपास है। विदेशों में इन कछुओं की भारी डिमांड है। पकड़े गए तस्करों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। इन से जुड़े अन्य तस्करों और बंगाली डॉक्टर की तलाश जारी है।
Author: samachar
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