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November 23, 2024 8:41 am

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जंगल में शेर बागों में मोर ;शौक था भजन कीर्तन करना और हसरत थी माफिया बनने की, वीडियो ?देखिए

15 पाठकों ने अब तक पढा

कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

बांदा :प्रयागराज में शनिवार शाम जब तीन लोगों ने माफिया डॉन अतीक अहमद (Atique Ahmad News) और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्‍या कर दी तो सब चौंक उठे। पुलिस कस्‍टडी में इन्‍हें गोली मारने वाले ये तीनों नौसिखिया बदमाश लग रहे थे। लेकिन इनके हाथों में तुर्किए में बनी जिगाना सेमी ऑटोमैटिक पिस्‍टल थी। हत्‍या के बाद तीनों ने सरेंडर कर दिया। फिलहाल तीनों प्रतापगढ़ जेल में बंद हैं। पहली गोली लवलेश तिवारी (lovelesh tiwari) ने चलाई थी। लवलेश तिवारी खुद को महाराज कहता है। उसे धार्मिक भजन गाने का शौक है लेकिन हसरत माफिया बनने की थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी एक फेसबुक रील वायरल हो रही है जो उसने 17 नवंबर को पोस्‍ट की थी।

इस रील में वह अपने एक दोस्‍त के कंधे पर हाथ रखकर खड़ा है ओर बैकग्राउंड में जंगल में शेर बागों में मोर… यह गाना बज रहा है। साथ में लिखा है, भाई है जब साथ तो किस बात कि बात। अतीक और अशरफ की हत्‍या के बाद इस पर कमेंट की बाढ़ आ गई है।

भाई है जब साथ तो किस बात कि बात महाराज लवलेश तिवारी महाराज लवलेश तिवारी · ਓਰਿ

लवलेश खुद को महाराज लवलेश तिवारी कहता रहा है। एक यूजर ने लिखा है, शहीद चंद्रशेखर आजाद जी को तो नहीं देखा मगर आपको देख के ऐसा लग रहा है कि वह भी आपकी ही तरह थे।’ एक दूसरे ने लिखा है, ‘बिल्कुल भाई आप शेर नहीं बब्बर शेर हो।’

बांदा के रहने वाले लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी से जब अतीक मर्डर के बाद मीडिया ने बातचीत की तो उन्‍होंने साफ किया कि लवलेश से उनका कोई संबंध न हीं है। लवलेश नशे का आदी था। वहीं लवलेश की मां ने रोते हुए कहा, लवलेश दूसरों की मदद करता था। बिना संकटमोचन का दर्शन किए चाय तक नहीं पीता था। उसे भजन मंडली में गाने का शौक था।’

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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