राकेश तिवारी की रिपोर्ट
बस्ती। उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया और गैंग 227 के लीडर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को बीते शनिवार को प्रयागराज में गोली मार कर हत्या कर दी गई। गैंगस्टर अतीक अहमद का बस्ती जनपद से भी काफ़ी गहरा लगाव रहा है। उसने यहां पर एक नहीं दो नहीं पूरे के पूरे 21 महीने का वक्त काटा था। जिससे बस्ती से अतीक का काफी गहरा लगाव भी हो गया था।
जेल प्रशासन के अनुसार मृतक अतीक अहमद को प्रयागराज तब के इलाहाबाद के नैनी सेंट्रल जेल से बस्ती जिला जेल में 30 अप्रैल 2010 को लाया गया था। माफिया अतीक यहां पर 6 फरवरी 2012 तक हाई सिक्योरिटी बैरक में निरुद्ध रहा। एडीएम बस्ती और प्रभारी जिला जेल अधीक्षक कमलेश चन्द्र ने बताया कि ये बात सही है कि अतीक यहां पर लगभग 21 महीने के करीब बंद था।
अतीक अहमद बस्ती जिला जेल में रहते हुए ही 2012 में अपना दल पार्टी से विधानसभा चुनाव में इलाहाबाद पश्चिम से नामांकन दाखिल किया था और चुनाव भी लड़ा था लेकिन मतदान के कुछ दिन पहले ही अतीक को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। हालांकि उस चुनाव में अतीक को राजू पाल की पत्नी पूजा पाल से हार का सामना करना पड़ा था।
वरिष्ठ पत्रकार पारस नाथ मौर्य ने बताया कि बस्ती जिला जेल में रहते हुए अतीक ने अपना नेटवर्क और मजबूत किया था। यहां पर उसके मिलने वालों का तांता लगा रहता था, चाहे वो सफेद पोश हो, व्यापारी हों या अधिकारी सब के सब अतीक के दरबार में हाजरी लगाते थे। यही नहीं अन्य प्रदेश से भी लोग अतीक अहमद से मिलने बस्ती जिला जेल आया करते थे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."