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12 February 2025 6:41 pm

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‘गुंडई करोगे हमारे बाजार में तो गोली मारेंगे सीधा कपार में’ ; अतीक को मारने वाले हमलावरों के बारे में पांच बड़े खुलासे

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

फेसबुक पोस्ट की ये लाइनें लवलेश तिवारी का इरादा जाहिर करने के लिए काफी हैं। वह अक्सर फेसबुक पर इसी तरह की लाइनें और पोस्ट करता था। हालांकि ये किसी ने भी सोचा नहीं था कि वह अतीक अहमद को मारने का कदम उठा सकता है।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कैमरे के सामने गोली मारने वाले शनि और अरुण मौर्य की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, शनि दोनों हाथों से गोली चला सकता है तो अरुण का कोई दोस्त ही नहीं है। हालांकि पुलिस के लिए अभी भी एक पहेली ये है कि तीनों अलग अलग शहरों के ये नए लड़के एक साथ संपर्क में कैसे आए और इन्हें हथियार कैसे मिले। फिलहाल ये तीनों 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गए हैं। मौका -ए-वारदात पर सरेंडर करने वाले इन तीनों हमलावरों से एटीएस पूछताछ कर रही है। उससे पहले हम आपको बता रहे हैं इन आरोपियों के बारे में वो तथ्य जिनसे आप अंजान हैं।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाला लवलेश तिवारी सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे ‘महाराज’ लगाता था वह बंदूकों के साथ अपनी फोटो पोस्ट करता था, तो कभी गले में कोबरा डाले नजर आता था। उसने फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि ‘गुंडई करोगे हमारे बाजार में तो गोली मारेंगे सीधा कपार में’। TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक लवलेश के पिता ने भले ही कहा कि वह परिवार के साथ संपर्क में नहीं था, लेकिन उसकी सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक वह लगातार पारिवारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेता था।

अतीक अहमद के भाई अशरफ को पहली गोली मारने वाला शनि था। पुलिस के मुताबिक तुर्किश पिस्टल से अशरफ को शनि ने ही पहली गोली मारी थी। यह शूटर 90 के दशक में यूपी में माफिया राज की शुरुआत करने वाले श्रीप्रकाश शुक्ला का फैन है, खास बात ये है कि तीनों आरोपियों में शनि ही ऐसा है जो दोनों हाथों से बिना चूके गोली चला सकता है। उसने आठवीं के बाद से ही पढ़ाई छोड़ दी थी। आसपास के लोगों के मुताबिक जब शनि 10 साल का था तब ही साइबर कैफे में जाकर क्रिमिनल्स के बारे में जानकारी जुटाता था। खासतौर से वह श्रीप्रकाश शुक्ला से प्रभावित था। उसने पढ़ाई में नहीं बल्कि बंदूकों में दिलचस्पी थी।

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारने वाली इस तिकड़ी में तीसरा नाम अरुण मौर्य का है। अरुण इन तीनों सबसे ज्यादा रिजर्व रहने वाला है। 18 साल के अरुण का गांव में कोई दोस्त नहीं है. बताया जाता है कि अरुण के पिता दीपक पहले पानीपत में मजदूरी करते थे। 10 साल पहले वह गांव लौटे तो जीवनयापन के लिए पानी-पूरी बेचने का काम शुरू कर दिया। बताया जाता है कि दीपक ने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं की। वह अपने पिता से अलग पानीपत में रहता है, जबकि उसके पिता कासगंज के एक गांव में रहते हैं। अरुण आखिरी बार छह माह पहले गांव आया था तब उसके हाथ पर प्लास्टर चढ़ा था। अतीक को मारने वालों में उसका नाम आने के बाद उसके माता-पिता 12 साल के छोअे बेटे और 14 साल की बेटी को लेकर घर पर ताला लगाकर कहीं चले गए।

माफिया ब्रदर्स को मारने वाली इस तिकड़ी में शामिल लवलेश और शनि दोनों जेल जा चुके हैं। लवलेश के ऊपर चार आपराधिक मामले में हैं। इसमें एक लकड़ी को सरेआम थप्पड़ मारने के मामले में वह जेल भी जा चुका है। लवलेश ने अपने फेसबुक प्रोफेाइल पर खुद को बजरंग दल की बांदा इकाई का एक्टिव मेंबर बताया है। हालांकि बांदा यूनिट के अध्यक्ष अंकित पांडेय ने इससे इन्कार किया है।

अतीक और अशरफ को मारने वाले शनि पर सबसे ज्यादा 14 मुकदमे दर्ज हैं, इनमें से वह मर्डर, चोरी और आर्म्स एक्ट के कई मामलों में आरोपी है। वह 2021 में चित्रकूट जेल में भी बंद हो चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुंदर भाटी गैंग से भी उसका कनेक्शन जुड़ रहा है। इसके अलावा वह उस पर ड्रग पैडलिंग का भी मामला दर्ज है। खास बात ये है कि शनि को देसी बम बनाने में महारत हासिल है. इस तिकड़ी में से सिर्फ अरुण मौर्य ही ऐसा है जिसका अभी तक क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं मिला है। एसपी कासगंज सौरभ दीक्षित के मुताबिक पुलिस उसके परिवार से संपर्क कर ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इससे पहले वह किसी आपराधिक मामले में लिप्त रहा है या नहीं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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