Explore

Search

November 1, 2024 8:59 pm

…तो अतीक-अशरफ की हत्या की सुपारी दी गई थी…बात सामने आते ही हलचल हो गई तेज

1 Views

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

प्रयागराज: अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। दोनों की हत्या में शामिल तीनों हत्यारों के आपसी कनेक्शन सामने आए हैं। पहले से तीनों के अलग-अलग जिलों से आने के कारण सवाल उठाए जा रहे थे। अतीक अहमद की गोलियों की बौछार से हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है। वहीं, सनी सिंह हमीरपुर और अरुण मौर्य कासगंज जिले का है। तीनों के पारिवारिक बैकग्राउंड और अलग-अलग जिलों के कारण संबंधों पर सवाल उठ रहे थे। सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि आखिर तीनों एक साथ कैसे आए? इन सवालों के बीच अब मीडिया रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा है कि माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के लिए सुपारी दी गई थी।

अतीक- अशरफ हत्याकांड में सुपारी दिए जाने संबंधी खुलासे ने हलचल तेज कर दी है। हत्यारों को इस घटना को अंजाम देने के लिए 10-10 लाख रुपए एडवांस के रूप में भी दिए जाने की बात सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि अतीक अहमद पर गोली चलाने वाले सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य की पहचान पहले से ही थी। सनी सिंह हिस्ट्रीशीटर रहा है। उसके खिलाफ 18 केस दर्ज हैं। केसों के सिलसिले में उसके हमीरपुर जेल जाने की बात सामने आई है। लड़की को चांटा मारने के आरोप में लवलेश तिवारी भी जेल गया था। दावा किया जा रहा है कि हमीरपुर जेल में सनी सिंह और लवलेश तिवार की नजदीकी बढ़ी।

सनी और अरुण मौर्य थे दोस्त

अरुण मौर्य को लेकर कहा जा रहा है कि उसके सनी सिंह से पहले ही संबंध थे। दोनों दोस्त थे। इस प्रकार सनी सिंह ही लवलेश और अरुण मौर्य के बीच की कड़ी माना रहा है। तीनों को अतीक और अशरफ की हत्या की सुपारी दी गई थी। उन्हें एडवांस के साथ-साथ हथियार भी दिए जाने की बात सामने आई है। हैंडलर ने उन्हें आधुनिक हथियार और कारतूस दिए थे। हत्याकांड को अंजाम देने की नीयत से ही तीनों प्रयागराज आए थे।

जांच के लिए गठित हुआ आयोग

अतीक और अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए सरकार ने तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। जांच कमेटी दो माह में हत्याकांड की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी। रिटायर्ड जज अरविंद त्रिपाठी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। इसमें रिटायर्ड जज बृजेश कुमार सोनी और पूर्व डीजीपी सुबेश कुमार सिंह को रखा गया है।

वहीं, हत्याकांड के मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है। वकील की ओर से रिट याचिका दायर कर यूपी में वर्ष 2017 के बाद हुए एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."