दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर देहात: पीड़ित पुलिस के पास मदद की आस लेकर जाता है लेकिन जब पीड़ित की मजबूरी का ही फायदा रक्षक उठाने लगे तो क्या हो? ऐसा एक मामला कानपुर देहात के भोगनीपुर कोतवाली इलाके में सामने आया है। यहां तैनात एक सिपाही ने महिला को मदद करने का भरोसा देकर अभद्र चैट की। चैट वायरल होने पर खफा एसपी ने सिपाही को सस्पेंड कर दिया है। जालौन के उरई कस्बा की रहने वाली एक महिला का भोगनीपुर में कबाड़ का काम करने वाले युवक से विवाद है।
महिला का कहना है कि वह भोगनीपुर कोतवाली में इसकी तहरीर देने गई थी। वहां महिला की मुलाकात सिपाही लायक सिंह से हुई। महिला का उसने नंबर ले लिया। इसके बाद उसने मोबाइल पर वॉट्सऐप चैट करके मदद का भरोसा दिया। उसने लिखा की आपके पति नहीं हैं इसलिए मैं मदद करूंगा। एक प्रार्थना पत्र लिखकर मुझे दे दो। महिला ने प्रार्थना पत्र न लिख पाने की बात कही तो सिपाही ने कहा कि मैं टाइप करके डाल देता हूं। वह प्रिंट करवा कर दे देना।
महिला को नहीं पता था कि इस मदद के बहाने सिपाही की नीयत में कैसा खोट था? वायरल चैट के स्क्रीनशॉट के मुताबिक, सिपाही ने इसके बाद महिला से पूछा, ‘पति नहीं है तो कभी मन नहीं करता…।’ महिला ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वो ये क्या पूछ रहे हैं? तो सिपाही ने बात बदल दी। सिपाही के चैट को मनोज शर्मा नाम के व्यक्ति ने ट्वीट कर सवाल खड़ा किया। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु की। हालांकि भोगनीपुर कोतवाल अजयपाल सिंह ने कहा कि उन्हें किसी महिला ने कोई तहरीर नहीं दी है। महिला कब सिपाही से मिलकर चली गई ये भी नहीं पता है।
चैट वायरल होने पर एसपी खफा
सिपाही की चैट सोशल मीडिया में भी वायरल हो रही है। मामला एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति तक पहुंचा तो वह नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल सिपाही लायक सिंह को सस्पेंड कर दिया। साथ ही पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच सीओ भोगनीपुर तनु उपाध्याय को सौंपी है। सीओ की जांच के बाद सिपाही पर और भी कठोर कदम उठाए जा सकते है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."