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November 26, 2024 3:31 am

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कागजों में गौशाला, लेकिन असलियत में खेला बड़ा गज़ब का होता है, पढ़िए इस खबर को 

11 पाठकों ने अब तक पढा

आर के मिश्रा की रिपोर्ट

गोण्डा। बेसहारा पशुओं से परेशान ग्रामीणों ने करीब डेढ़ दर्जन से अधिक पशुओं को पकड़कर बांधते हुये संबंधित अधिकारियों को सूचित करके गौशाला में संरक्षित कराने का निवेदन किया। मगर 24 घंटे बाद भी कोई जिम्मेदार गांव तक नहीं पहुंचा। इससे साफ जाहिर है कि बेसहारा पशुओं को गौशालाओं में नहीं बल्कि कागजों में संरक्षित किया जा रहा है।

प्रकरण विकास खंड कर्नलगंज अंतर्गत ग्राम नकार से जुडा है। यहां के निवासी प्रेमचंद्र मिश्रा ने बताया कि क्षेत्र में घूम रहे बेसहारा पशु लहलहाती फसलें बर्बाद कर रहे हैं। जिससे परेशान किसानों ने उन्हें पकड़कर गांव के बाहर वृक्ष में अलग-अलग बांध दिया। साथ ही खंड विकास अधिकारी कर्नलगंज को सूचना देकर पकड़े गए पशुओं को गौशाला में संरक्षित कराने का निवेदन किया। मगर 24 घंटे बीतने के बाद भी उन्हें संरक्षित करना तो दूर कोई देखने तक नही गया है।

बीड़ीओ श्रीकांत तिवारी ने बताया कि बेसहारा पशुओं से संबंधित कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। फिर भी यदि ऐसा है तो पशुओं को संरक्षित कराया जाएगा

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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