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November 22, 2024 5:09 pm

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लग रहा था कि अब कुछ होगा ही नहीं लेकिन कानून से कोई बच नहीं सकता, ये साबित हो गया….

11 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

वर्ष 1992 की बात है। उत्तर प्रदेश के बरेली में दारोगा युधिष्ठिर सिंह ने फर्जी एनकाउंटर में एक युवक मुकेश जौहरी की हत्या कर दी थी। उसने एनकाउंटर की झूठी कहानी रची। मुकेश के माता-पिता ने दारोगा युधिष्ठिर सिंह के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया। यह लड़ाई लड़ते-लड़ते पहले पिता और फिर मां का निधन हो गया। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई। अब 31 वर्ष बाद दारोगा दोषी साबित हुआ और जेल पहुंच गया है। युधिष्ठिर सिंह रिटायर हो चुका है। अब उसकी उम्र 61 वर्ष है। सालों इंतजार के बाद जब न्याय की आस लगभग धूमिल होने लगती है, कई बार तभी अपराधी के दिन पूरे होने की खबर भी आ जाती है। आइए आज कुछ ऐसे ही वाकयों को याद करते हैं…

जहरीली शराब से मौत मामले में 41 वर्ष बाद सजा

पिछले वर्ष यूपी के फर्रुखाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने 41 साल पुराने मामले में दो दोषियों को 10 वर्ष की कैद और 1.06 लाख रुपये के जुर्माने का आदेश दिया था। जहरीली शराब पिलाने के मामले में गुरसहायगंज निवासी गुलफाम ने 16 अक्टूबर, 1981 को मुकदमा दर्ज कराया था। गुलफाम के पिता समेत कुल चार लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। जांच के बाद पुलिस ने कुल 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आखिर में दो दोषियों को हत्या समेत कई अन्य अपराधों का दोषी पाया गया। सोचिए चार दशक तक किसकी उम्मीद बाकी रहेगी कि उसे न्याय मिल पाएगा? लेकिन देर से सही, अपराधियों को उनके किए की सजा भुगतनी पड़ रही है।

बच्चे के आम खाने पर महिला की हत्या, 29 वर्ष बाद हुई सजा

उत्तर प्रदेश के संभल में बच्चे ने बगीचे में गिरे एक आम को खा लिया। इस पर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। एक पक्ष की महिला को इतनी मारा गया कि उसकी मौत ही हो गई। घटना में कई लोग घायल हो गए। वर्ष 1991 के जमालपुर गांव की उस घटना से सबको हैरत में डाल दिया था। इस मामले में पिछले वर्ष मई महीने में कोर्ट का फैसला आया और अपर सत्र न्यायाधीश ने तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा और दो आरोपियों को 10-10 वर्ष जेल की सजा सुनाई। 29 वर्ष तक चले इस मुकदमे के दौरान चार आरोपियों की मौत हो चुकी थी। मामले में दोनों पक्षों से आरोपी बनाए गए थे। इनमें एक पक्ष से दो और दूसरे पक्ष से एक व्यक्ति की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी।

पूर्व विधायक की हत्या के केस में 16 साल बाद सजा

उत्तर प्रदेश के ही अलीगढ़ में पूर्व बीजेपी विधायक मलखान सिंह और उनके सिक्यॉरिटी गार्ड सुनील कुमार यादव की हत्या के 16 साल बाद 14 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई। बुलंदशहर की अदालत ने 26 मार्च, 2006 को पूर्व विधायक उनके घर के बाहर ही हत्या कर दी गई। इस घटना में उनका गनर भी मारा गया था। वहीं, मलखान सिंह के जीजा प्रेमपाल सिंह और एक अन्य गनर सत्यबीर सिंह घायल हो गए थे। जांच में पता चला कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में यह हत्या की गई है। अलीगढ़ के क्वार्सी पुलिस थाने में पूर्व जिला अध्यक्ष तेजवीर सिंह गुड्डू के साथ कुल 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इनमें तीन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई जबकि एक कभी हाथ ही नहीं लगा। अदालत ने 27 जनवरी, 2023 को तेजवीर सिंह समेत 15 लोगों को हत्या का दोषी ठहराया। इनमें 14 दोषियों को ताउम्र कैद की सजा सुनाई।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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