निर्मल ओझा की रिपोर्ट
छिंदवाड़ा: एमपी में आए दिन अजब-गजब मामले सामने आते रहते है। छिंदवाड़ा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां नौ साल पहले मर चुकी लड़की जिंदा घर पहुंची, तो घरवाले तो ठीक पुलिस वाले भी दंग रह गए। क्योंकि जो लड़की जिंदा है, उसका 9 साल पहले कंकाल मिला था, और उसकी हत्या के जुर्म में पिता और भाई ने दो साल की सजा भी काटी है।
ये है पूरा मामला
पूरा मामला अमरवाड़ा थाने के सिंगोड़ी चौकी के ग्राम जोपनाला से सामने आया है। जहां 2014 में गुम हुई लड़की की जांच करते हुए 2 साल पहले पुलिस ने एक मानव कंकाल को बरामद कर इस गुम हुई लड़की का कंकाल बताकर उसे पिता और भाई को हत्या का दोषी बताया और उन्हें हत्या के मामले में जेल भेज दिया था, लेकिन अचानक दो दिन पहले मृत हुई लड़की चौकी पहुंची और उसने पुलिस के सामने खुद को जिंदा बताते हुए जेल में बंद अपने भाई और पिता को निर्दोष करार दिया है। फिलहाल इस मामले के बाद पुलिस महकमें में हडक़ंप मच गया है।
पुलिस ने गुमशुदा लड़की को ढूंढ़ने चलाया था अभियान
पुलिस की जो कहानी है वह कुछ ऐसी है, सारा मामला 13 जून 2014 का है, यहां से एक 14 साल की बालिका गुम हो गई थी। जिसके तहत प्रकरण 366 का है, जिसके बाद परिजन बकायदा उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सिंगोड़ी चौकी में दर्ज कराई थी। मामला पुराना होने के चलते विशेष अभियान के तहत 22 जनवरी 2021 को पुलिस ने इस मामले की परत खोलने के लिए जब ग्राम जोपनाला पहुंची तो जांच के दौरान पुलिस को खेत के पास एक कंकाल बरामद होता है। उसे पुलिस ने लड़की का कंकाल बताते हुए लड़की के पिता सन्नू लाल उईके और उसके भाई सोनू लाल उईके हत्या का आरोपी बनाया, और दोनों को जेल भेज दिया था।
लड़की चौकी पहुंची तो पुलिस महकमें में मचा हड़कंप
फिलहाल लड़की का पिता सन्नू लाल एक साल पहले ही जेल से जमानत पर रिहा होकर गांव आ गया है, लेकिन उसका बेटा सोनू अभी भी 2 साल से जेल में बंद है। ऐसे में अचानक लगभग 9 साल बाद 28 मार्च को अचानक एक महिला ने पुलिस के पास पहुंचकर यह दावा किया कि वह ही कंचन उईके है, जिसकी हत्या के जुर्म में उसके पिता और भाई को जेल भेजा गया था। ऐसे में महिला के दावे के बाद पुलिस के कान खड़े हो गए और अब पुलिस ने मामले में नए सिरे से जांच की बात कही है।
पुलिस ने 210 हड्डी की बनाई थी जब्ती, अब उठ रहे सवाल
पूरे मामले में पुलिस ने जो साक्ष्य प्रस्तुत किए, उसने ना सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि सबंधित चिकित्सक पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। देखा जाए तो पुलिस ने जो कंकाल बरामद किया था, उसकी कुल 210 हड्डी जब्त की थी, जिसका बकायदा परीक्षण भी कराया गया था। अब सवाल यह है कि जिस लडक़ी की हत्या की बात कही जा रही है उसकी मौत तो 7 साल पहले ही हो गई थी, फिर उसकी हड्डी सही सलामत कैसे है। ऐसे बहुत सारे सवाल है जो छिंदवाड़ा पुलिस का सरदर्द बढ़ा सकते है।
पुलिस बोली-डीएनए रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
इस मामले में एएसपी संजीव उईके का कहना है कि यह मामला सामने आया है, डीएनए रिपोर्ट लंबित है, प्रकरण का ट्रायल कोर्ट में है, पिता की जमानत हो चुकी है, जबकि भाई अभी भी जेल में है। जब तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."