दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बांंदा: उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बबेरू कस्बे में 15 दिन पहले परिषदीय स्कूलों में बंटने आईं हजारों की तादाद में किताबें बरामद की गई थीं। इसी कस्बे में एक बार फिर से एक कबाड़ी की दुकान में 1268 किताबें बरामद हुई हैं। यह पुस्तकें इसी सत्र के लिए बच्चों को निशुल्क बांटने के लिए आई थी। पुलिस ने कबाड़ी विमल साहू को हिरासत में लिया है और पूछताछ की जा रही है।
दरअसल कक्षा 1 से लेकर 8 तक के छात्र छात्राओ को सरकारी किताबे निशुल्क दिए जाने की सरकार की बहुआयामी योजना है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी ही इस योजना को मटियामेट करने में लगे है। 15 दिन पहले 5519 किताबें कबाड़ी को बेचने का मामला ठंडा नही हुआ। बेसिक शिक्षाधिकारी ने जांच पड़ताल के नाम पर इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
खंड शिक्षाधिकारी पर कोई कार्यवाही नही की गयी है। 15 दिन नही बीतने पाए कि वर्ष 2022-23 की 1268 किताबें कबाड़ी को बेची गयीं। इससे साफ जाहिर होता है कि खंड शिक्षाधिकारी बबेरु की मिली भगत से बच्चों के योजनाओं में सरेआम डाका डाला जा रहा है। पिछले मामले में आला अफसरों ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की, इससे बच्चों के हक को लूटने वालो के हौसला बुलंद है।
15 दिन पहले मिलीं थी 5 हजार से ज्यादा किताबें
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कबाड़ी दुकानदार विमल साहू की दुकान में छापा डाला जहां 1268 सरकारी किताबे वर्ष 2022-23 की बरामद हुई। जिसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर धारा 411, 413 के तहत कार्यवाही की गई है। अभी 15 दिन पूर्व ही बबेरू में इसी मोहल्ले में एक कबाड़ी की दुकान से पांच फरवरी को 5519 किताबें बरामद हुई थी।
BSA ने टीचर को किया था सस्पेंड
इसमें बीएसए ने एक शिक्षक को निलंबित कर दिया था। टीम गठित कर मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच पूरी भी नहीं हो सकी कि सरकारी किताबें बरामद होने की दूसरी घटना सामने आ गई है। क्षेत्राधिकारी बबेरू आरके सिंह द्वारा इस मामले की पुष्टि की गई है।
Author: samachar
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