दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी की ओर से कार्रवाई किए जाने के बाद ऋचा सिंह का आक्रोश सामने आया है। पार्टी का युवा चेहरा रही ऋचा सिंह ने पार्टी के खिलाफ जमकर हमला बोला है। दरअसल, सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के श्री रामचरितमानस पर दिए गए विवादित बयान के बाद ऋचा सिंह ने उन्हें महिलाओं और दलित-पिछड़ों के हक की आवाज उठाने की सलाह दी थी। इसके बाद उन पर कार्रवाई कर दी गई। समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। सपा की कार्रवाई के बाद ऋचा सिंह का गुस्सा सामने आया है। अखिलेश यादव को टाइप करते हुए उन्होंने संविधान का हवाला दिया। ऋचा सिंह ने कहा कि संविधान के भाग 3 फंडामेंटल राइट पृष्ठ की शुरुआत भगवान राम, लक्ष्मण और भगवती सीता के चित्र से होती है। राम भारत की आत्मा हैं। यहां तक कि अल्लामा इकबाल ने उनको इमामे हिंद माना है। ऐसे में भारत की आध्यात्मिक और संवैधानिक आत्मा के साथ में मैं खड़ी थी और खड़ी रहूंगी।
ऋचा सिंह ने समाजवादी पार्टी की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक और सामाजिक न्याय विरोधी कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि बिना कारण बताओ नोटिस दिए और आधार बताए समाजवादी पार्टी की ओर से एकतरफा कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। बिना दूसरा पक्ष को सुने जजमेंट दिए को कंगारू कोर्ट कहते हैं। समाजवादी पार्टी अब प्रकृति न्याय की खिलाफ और सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी बन गई है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी पार्टी की पूर्व उम्मीदवार ने करारा हमला बोला। महिलाओं को ताड़न का अधिकारी वाले रामायण के दोहे का मुद्दा उठाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर भी ऋचा सिंह ने निशाना साधा। दो महिला नेताओं पर कार्रवाई को उन्होंने इससे जोड़ते हुए कहा कि सपा ने ही महिलाओं को ‘ताड़न’ का अधिकारी समझा है।
अखिलेश पर बोला बड़ा हमला
अखिलेश यादव पर करारा हमला करते हुए ऋचा सिंह ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने वाले लंपटों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष डीजीपी ऑफिस पहुंच जाते हैं। महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली नेताओं को बिना कारण बताए निष्कासित कर दिया जाता है। यह समाजवादी पार्टी का महिला विरोधी चेहरा है। उन्होंने कहा कि समाजवाद का तात्पर्य किसी के साथ भी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करना है। लेकिन, आज जिस तरीके से जाति और लिंग के आधार पर मेरे साथ भेदभाव किया गया, सपा ने लोहिया जी के समाजवाद का गला घोट दिया।
ऋचा ने कहा कि ‘महिलाएं तारण की अधिकारी’ इसको समाजवादी पार्टी ने चरितार्थ किया है। आज अगर लोहिया जी होते, जो रामायण मेले के आयोजन की बात किया करते थे, समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें भी निष्कासन कर दिया जाता। उन्होंने कहा कि राजनीति हमें विरासत में नहीं मिली है। संघर्ष से पग-पग चलना सीखा है। आगे भी संघर्ष होगा।
सपा को बता दिया महिषासुर
ऋचा सिंह ने कहा कि मैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पहली निर्वाचित महिला अध्यक्ष होने के बाद से ही लगातार निष्कासन का सामना कर रही हूं। यह निष्कासन कोई नया नहीं है। जब-जब गलत का विरोध किया, निष्कासन को झेला है। मैं हमेशा महिषासुर के खिलाफ डटकर खड़ी रही। इस बार फिर महिषासुर वध होगा। अखिलेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि महिला विरोधी शब्दों का प्रयोग करने वाले लंपटों के लिए डीजीपी ऑफिस जाएंगे। रामचरितमानस के समर्थन में खड़े होने वाली महिलाओं को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। जय समाजवाद। दरअसल, सपा ने ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ बयान मामले में बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
ऋचा सिंह ने सपा पर हमलावर रुख अपनाते हुए ट्वीट किया कि जब दलों में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो जाता है तो दल से दलदल हो जाते हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी की ओर से रोली तिवारी मिश्रा और खुद के पार्टी से निष्कासित किए जाने संबंधी ट्वीट पर कोटेड ट्वीट करते हुए लिखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को कम से कम निष्कासन का कारण तो जनता को बताना चाहिए था।
Author: samachar
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