चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
तरबगंज, गोण्डा। क्षेत्र में छुट्टा पशुओं से काफी परेशान होकर किसानों ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए सैकड़ों की संख्या में जानवरों को इकट्ठा कर तरबगंज तहसील के भीतर बंद कर दिया और तहसील गेट पर बाहर से ताला जड़ दिया। वहीं किसानों ने जिम्मेदार अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और इन पशुओं को गौशाला में भेजवाये जाने की मांग की ।
आपको बता दें कि प्रदेश सरकार छुट्टा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर गौशाला का निर्माण कराने की बात कह रही है, लेकिन पशुओं की बढ़ती संख्या से समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में छुट्टा जानवर सड़क से लेकर खेतों तक धमाचौकड़ी मचा रहे हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसान रात भर जाग कर फसलों की रखवाली करते हैं, लेकिन मौकै मिलते ही छुट्टा जानवरों का झुंड खेतों में पहुंच जाता है और हरी भरी फसल को तहस नहस कर देता है। इन पशुओं से किसान काफी परेशान हो चुके हैं। सोमवार को तरबगंज क्षेत्र के किसानों ने एकजुट होकर सैकड़ों छुट्टा जानवरों को इकट्ठा किया और उन्हें ले जाकर तहसील परिसर में बंद कर दिया। सैकड़ों की संख्या में जानवर पहुंचने से तहसील में हड़कंप मच गया।
तहसीलकर्मियों ने जानवरों के बाहर निकालने की कोशिश की तो नाराज किसानों ने तहसील का गेट बंद कर ताला लगा दिया। आक्रोशित किसानों ने तहसील गेट पर प्रदर्शन किया और जिम्मेदार तहसील प्रशासन पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया।
किसान शक्ति पाण्डेय ने कहा कि इन छुट्टा मवेशियों ने उनकी फसलों को बर्बाद कर दिया है। उन्होने कहा कि किसान इन पशुओं को गौशाला लेकर जाते हैं तो वहां से उन्हें वापस कर दिया जाता है। जबकि गौशालाएं खाली पड़ी हैं। अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो वह कोई सुनवाई नहीं करते।
शक्ति पाण्डेय ने कहा कि अब इन छुट्टा जानवरों को तहसील में बंद कर दिया गया है। अब जिम्मेदार आला अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि इन पशुओं को गौशाला भेजवायें और इनके उचित संरक्षण और भरण पोषण की व्यवस्था कराऐं।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."