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27 December 2024 8:39 am

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पांच दिन से घर में बंद मां-बेटे की हालत देखकर पड़ोसी भी सन्‍न, वीभत्‍स है मामला

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आनंद शर्मा की रिपोर्ट

बाड़मेर। राजस्‍थान में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक ही घर में एक ही बिस्‍तर पर मां-बेटे मृत पाए गए। दुर्गंध आने के बाद पड़ोसियों को शक हुआ। स्‍थानीय पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मृत शरीर को बरामद किया। यह देखकर पुलिस और पड़ोसी दोनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। दोनों ने आत्‍महत्‍या की या फिर उनकी हत्‍या की गई, अभी इसका पता नहीं चल सका है। मां-बेटे का मृत शरीर एक साथ बरामद होने से पुलिस भी पशोपेश में है। दोनों की मृत्यु की वजहों का पता लगाने का कोशिश किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, बाड़मेर जिले के सिवाना थाना क्षेत्र के मवड़ी गांव में एक घर में 4-5 दिन पुराने दो मृत शरीर मिलने से क्षेत्र में सनसनी फ़ैल गई। मवड़ी गांव के खेत में बने मकान में मां के साथ बेटा रहता था। दोनों का पिछले 4-5 दिन से घर के बाहर कोई हलचल नहीं दिखी तो परिजन घर पहुंचे। वहां तेज बदबू आ रही थी। इसके तुरंत बाद सिवाना थाना पुलिस को इसकी सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस के पांवों तले जमीन खिसक गई, जब उन्‍हें मां और बेटे का मृत शरीर बिस्तर पर पड़ा मिला। पुलिस के उच्‍चाधिकारियों को इसकी सूचना दी गई और मौके पर FSL की टीम को बुलाया गया।

घर में अकेले रहते थे मां-बेटा

मां-बेटे का मृत शरीर मिलने से हड़कम्प मच गया। मृतक की पहचान जगदेव सिंह (45) पुत्र भंवर सिंह के तौर पर की गई। वहीं, दूसरे मृत शरीर की पहचान 75 वर्षीय रूप कंवर पत्नी भंवर सिंह के तौर पर हुई है। जगदेव सिंह अविवाहित थे और रूप कंवर सिंह उनकी मां थीं। दोनों घर में अकेले रहते थे। घटना को गंभीरता से लेते हुए सिवाना थानाधिकार नाथू सिंह चारण जाब्ता लेकर मौके पर पहुंचे। सूचना पर बालोतरा डीएसपी नीरज शर्मा भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। यह हत्‍या का मामला है या फिर आत्‍महत्‍या है, पुलिस हर एंगल से मुद्दे की छानबीन प्रारम्भ कर दी है।

क्षत-विक्षत शव

मां-बेटे का मृत शरीर 4 से 5 दिन पुराना होने का अनुमान है। बदबू के चलते अंदर घुसना तक कठिनाई हो गया था। मृतक जगदेव सिंह के पिता भंवर सिंह का काफी समय पहले देहांत हो गया था। जगदेव सिंह की एक बहन है, जिनकी कुसीप में विवाह हो रखी है। जगदेव कृषि कार्य के साथ पशुपालन कर दूध बेचते थे। इनके पास दर्जन भर भैंसे एवं बकरियां हैं। मवेशियों से दूध निकालने बाद उन्‍हें खेतों में घास खाने के लिए छोड़ दिया जाता था। पड़ोसियों का बोलना है कि कुछ दिनों से मवेशी खेत में नहीं दिखे थे। इसके बाद पड़ोसियों ने इनके रिश्‍तेदारों को टेलीफोन किया, तब जाकर असलियत का पता चला।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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