सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
रामचरितमानस विवाद (Ramcharitmanas Row) के बीच समाजवादी पार्टी ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह (Mulayam Singh) की तुलना भगवान से करने वाले गाने के दो वीडियो जारी किए। जो पार्टी अभियान का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। एक वीडियो में सपा के दिवंगत संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गुणगान किया गया है, जबकि दूसरे वीडियो में अखिलेश यादव का जयगान है। गाने को मुंबई में रिकॉर्ड किया गया है, जबकि वीडियो को लखनऊ के जनेश्वर मिश्रा पार्क में शूट किया गया।
मुलायम (Mulayam) को लेकर पांच मिनट की आरती लिखी गई है, जो बिरहा लोक गायक काशी नाथ यादव (Kashi Nath Yadav) ने लिखी और गाई है। काशी यादव सपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व एमएलसी हैं। मुलायम की तारीफ करते हुए लिखा गया है, ‘जय हो नेताजी की जय, भागे डर और भय, जय हो नेताजी की जय।’ गीत में आगे सपा संस्थापक की तुलना भगवान से करते हुए कहा गया है, गीता तुम और तुम रामायण राम, कृष्ण तुम, तुम ही नारायण हो।
काशीनाथ ने कहा, ‘देवता से भी बड़े हैं मुलायम’ ‘हमने भगवान को नहीं, बल्कि नेताजी को देखा है। उन्होंने लोगों की भलाई के लिए काम किया। उनकी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से यूपी का हर परिवार लाभान्वित हुआ है।’
‘आरती में अखिलेश यादव की तुलना भीष्म और कर्ण से की गई’
गीत में अखिलेश यादव को छोटे नेताजी के रूप में दिखाया गया है। गीत में उन्हें दिल और उत्साह से भरा युवा नेता कहा गया है, अखिलेशजी तो छोटे नेताजी हैं यारों, अभी तुम जी भर के देखा नहीं है।’ गीत में अखिलेश की तुलना भीष्म और कर्ण से की गई है, जो महाभारत के दो पात्र हैं। गीत में आगे इस प्रकार है- नेताजी सा चेहरा इनका, देखो तस्वीर को। लोहिया सी सोच, देख गरीबी के पीर को। जले अग्निज्वाला सा, विजेता है यारो।
अभी हमने गाने को नहीं सुना है: राजेंद्र चौधरी
मुलायम की तुलना भगवान से करने वाली आरती के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि उन्होंने पूरा गाना न तो सुना है और न ही देखा है। उन्होंने कहा कि काशी नाथ एक पूर्व पार्टी एमएलसी हैं, जिनका अपना प्रोडक्शन हाउस है। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत पहल पर वीडियो बनाए हैं।
जल्द ही नेता जी के मंदिर बनेंगे: काशीनाथ
काशीनाथ कहते हैं कि उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में मुलायम के निधन के बाद उनकी आरती लिखने का फैसला किया था। वे कहते हैं, ”जल्द ही नेताजी के मंदिर भी बनेंगे।
गाजीपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले काशीनाथ ने 1994 में बसपा के सिंबल पर यूपी विधान परिषद के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। वह 2000 और 2006 में एसपी उम्मीदवार के रूप में फिर से एमएलसी चुने गए थे।
Author: samachar
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