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23 February 2025 6:01 pm

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‘यहां सोने के बदले लोन मिलता है’…12 दिन रेकी, एक रोशनदान और सारा सोना साफ… बैंक लूट की सच्ची कहानी

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सुरेन्द्र प्रताप सिंह की रिपोर्ट 

जयपुर। देश के सबसे विश्वसनीय बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में लाखों लोग अपना सोना गिरवी रखकर लोन लेते हैं और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( State Bank Of India) की ये वही ब्रांच थी जहां सैकड़ों लोगों के सोने चांदी के जेवर रखे गए थे। बैंक में कैश नहीं था, लेकिन लोगों की पूरी जिंदगी की सोने चांदी हीरे जवाहरात के रूप जमा पूंजी यहां जरूर थी। लॉकर के अंदर, स्ट्रांग रूम में रखा गया था प्योर सोना जिसपर उसकी नजर थी।

12 दिन में करोड़पति बनने की प्लानिंग

साल 2019, राजस्थान का करौली शहर। यहां के गुलाब बाग इलाके में एसबीआई ( SBI) की सोने के बदले लोन ( Gold Loan) देने वाली शाखा थी। वो जानता था कि इस ब्रांच में उसे काफी सोना मिल सकता है। वो जानता था कि वो एक ही दिन में करोड़पति बन सकता है और इसलिए उसने प्लान बनाया बैंक में रखा सारा सोना साफ करने का। वो रोज बैंक के आसपास मंडराता रहा, दिन में रात में। वो ये समझने की कोशिश करता रहा कि कैसे बैंक के अंदर से वो सोना बाहर ला सकता है।

लूट के कुछ दिन पहले तोड़ा सीसीटीवी

कुछ दिन की रेकी के बाद वो समझ चुका था कि अकेले वो इस काम को पूरी तरह से अंजाम नहीं दे सकता और इसलिए उसने एक-दो और साथियों को इस काम में शामिल किया। उसने देखा कि बैंक के सामने एक मकान है जिसकी एक दिवार पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ। अगर ये कैमरा वहां रहता तो ये गैंग की सारी हरकतें साफ-साफ कैमरे में कैद हो जाती और इसलिए एसबीआई बैंक डकैती के इस मास्टरमाइंड ने चोरी से कुछ दिन पहले इस सीसीटीवी कैमरे को ही तोड़ दिया।

रोशनदान से बैंक में घुसे लुटेरे

8 अगस्त की देर रात रात काला नकाब पहने चोरों का ये गैंग गुलाब नगर की इस शाखा के करीब पहुंचा। प्लान के मुताबिक इन्होंने बैंक के पिछले हिस्से से जहां पर एक रोशनदान था वहां से अंदर जाना था। सबसे पहले कटर की मदद से रोशनदान को काटा गया। अब ये बैंक के अंदर आसानी से पहुंच सकते थे। करीब तीन चार चोर बैंक के अंदर पहुंचे। हैरानी की बात ये थी कि रोशनदान सीधा स्ट्रांग रूम तक पहुंचता था और तिजोरी की चाबी भी अंदर ही थी।

तिजोरी में ही रखी हुई थी चाबी

शायद ये बात इस लूट के मास्टर माइंड को पहले ही पता थी। इसे बैंक की लापरवाही कहें या फिर चोर की चालाकी उसे बैंक के अंदर का पूरा आइडिया था। इस गैंग ने अंदर जाकर चाबी से तिजोरी को खोला और वहां रखे लाखों-करोड़ों के सोने-चांदी के आभुषणों को अपने बैग में भर लिया। ये सभी वापस उसी रोशनदान के रास्ते सोना लेकर फरार हो गए।

चुपचाप निकाल लिया करोड़ों का सोना

न ही बैंक का ताला तोड़ा गया, न कोई मारपीट हुई और न ही कोई शराबा। किसी को खबर भी नहीं हुई और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की इस ब्रांच से करीब 70-80 लाख का सोना चोरी हो चुका था। अगले दिन सुबह करीब 9 बजे गार्ड ने दरवाजा खोला। बाहर से सबकुछ सामान्य था। जब सफाई कर्मचारी सफाई के लिए अंदर पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। तिजोरी खुली हुई और एकदम खाली थी। सारे गहने, सोना-चांदी गायब हो चुका था।

नकाबपोशों की तस्वीर आई सामने

मैनेजर को सूचना दी गई, पुलिस बुलाई गई तफ्तीश शुरू हुई, लेकिन ये सब बातें तो आगे की थी। चोरी तो हो चुकी थी। सीसीटीवी में भी जो तस्वीर सामने आई वो ज्यादा क्लियर नहीं थी क्योंकि लुटेरों ने नकाब पहना हुआ था। पास वाले मकान के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को जांच के लिए निकाला गया तो पता चला कि वो तो करीब 10 दिन पहले ही तोड़ दिया गया है। उससे पहले उसमें उसी नकाबपोश की तस्वीरें कैद हुई जो बैंक के सीसीटीवी में हुई। इसी बात से ये अंदाजा लगाया गया कि रॉबरी के मास्टर माइंड ने करीब 12 दिन पहले ही लूट की प्लानिंग शुरू कर दी थी और उस मकान में लगे सीसीटीवी को तोड़ना भी इसी प्लानिंग का एक हिस्सा था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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