कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। ग्राम पंचायत खटोला थाना बंथरा निवासी रिंकू कुमार पुत्र मेहीलाल के द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत कालौनी का फार्म भरा गया था। रिंकू कुमार का नाम लिस्ट में आने के बाद भी गांव के प्रधान के द्वारा ब्लाक सरोजिनी नगर के अधिकारियों से कहकर पीड़ित रिंकू कुमार की आई हुई आवास कैंसिल कराने की बात कही। इस संबंध में जब पीड़ित रिंकू कुमार से जानने की कोशिश की गई तो बताया कि साहब प्रधान जी हम लोगों से नाराज़ हैं क्योंकि प्रधान का कहना है कि तुम लोगों ने हमें चुनाव के समय वोट नहीं दिया था इसलिए हमसे कोई उम्मीद न करना। इसलिए मेरा नाम लिस्ट में आने के बाद भी आवास नहीं मिल सकीं।
रिंकू कुमार बहुत ही गरीब व्यक्ति है जो मजदूरी करके अपने परिवार का किसी तरह गुजारा कर रहा है। कच्चा मिट्टी का मकान एवं झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं लेकिन ग्राम पंचायतों में अधिकांश गरीब पीड़ित परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला। गांव में रहने वाले लोग ज़्यादातर गरीब अनपढ़ मजदूरी करते हैं। जानकारी न होने के पश्चात ग्राम प्रधान तथा सरकारी अधिकारी मिल कर योजनाओं को पलीता लगाते हैं।
उत्तर प्रदेश में चल रही योगी सरकार के सख्त निर्देश हैं कि सरकार की मिलने वाली सरकारी योजनाओं को हर गांव तक पहुंचनी चाहिए। कोई भी गरीब पीड़ित मिलने वाली सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो। लेकिन सरकार में उच्चाधिकारियों एवं रसूखदारों व ग्राम प्रधानों के कारण गरीबों की स्थिति चिंताजनक है।
यही हालत पीड़ित महिला विधावती पत्नी मेहीलाल की है जिसे आवास आने पर भी आवास नहीं दिया गया। पीड़ित महिला अपने खेतों में छप्पर डालकर अपने बच्चों के साथ जीने को मजबूर हैं।
ब्लाक सरोजिनी नगर के अधिकारियों के द्वारा की जा रही अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। कभी गांव में जांच करने नहीं आयेंगे। सिर्फ ग्राम पंचायतों के प्रधान कहते हैं वहीं कार्यवाही अधिकारी करते हैं। ऐसे अधिकारियों की वजह से योगी सरकार की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जनता जनार्दन आने वाले समय में जवाब देंगी।
Author: samachar
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