टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
मुंबई। एक तरफ जहां शाहरुख खान और दीपिका की फिल्म ‘पठान’ के गाने को लेकर तूफान उठा है वहीं उर्फी जावेद के कपड़ो ने भी सनसनी मचा रखी है। इन दोनों ही मुद्दों पर बीजेपी नेता की ओर से काफी टिप्पणियां की गई हैं। जिसपर अब संजय राउट ने खुलकर बयान दिया है। शिव सेना सांसद संजय राउत ने इन मुद्दों के जरिए बीजेपी पर भी निशाना साधा है। राउत ने कहा, ‘पठान पर हल्ला करने की जरूरत नहीं है। मुंबई में बीजेपी नेता ने उर्फी के कपड़ो पर आपत्ति जताई है। इससे बड़े मुद्दे भी हैं देश में। उन अहम मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे प्रश्न नहीं उठाइए।’
संजय राउत ने कहा कि उर्फी जावेद को तब तक कोई नहीं जानता था जब तक कि बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने उनके छोटे कपड़ों के खिलाफ शिकायत नहीं की थी। पार्टी के मुखपत्र सामना के लिए अपने साप्ताहिक कॉलम ‘रोकटोक’ में संजय राउत ने लिखा है कि महाराष्ट्र की राजनीति इस हद तक जा चुकी है कि अब उर्फी जावेद के कपड़ों के अलावा कोई मुद्दा नहीं है।
भगवा बिकिनी पर नाराज बीजेपी
संजय राउत ने कहा है कि संस्कृति के नाम पर उर्फी जावेद की बीजेपी की नैतिक पुलिसिंग से बचा जा सकता था। इसके बाद, उर्फी के मुद्दे को शाहरुख और दीपिका की आने वाली फिल्म ‘पठान’ से जोड़ते हुए राउत ने कहा, ‘क्या दीपिका पादुकोण के खिलाफ गुस्सा केवल उनकी भगवा बिकनी के लिए था? दीपिका पादुकोण ने जेएनयू जाकर छात्रों के विरोध का समर्थन किया, जिससे बीजेपी नाराज थी। लेकिन अब उन्होंने दीपिका की बिकिनी को मुद्दा बना दिया, जबकि भगवा कपड़ों में बीजेपी के कई नेता कई अभद्र हरकतें करते हैं।’
संदीप सिंह पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप
संजय राउत ने संदीप सिंह को निशाना बनाते हुए कहा कि जब हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था, तब बीजेपी नेता ने केवल उर्फी जावेद के मुद्दे पर अपनी आवाज उठाना जरुरी समझा। बता दें कि चित्रा वाघ की शिकायत के बाद उर्फी जावेद ने भी उनपर पलटवार किया है। वाघ के खिलाफ उर्फी ने सार्वजनिक क्षेत्र में कलाकार को नुकसान पहुंचाने की आपराधिक धमकी के लिए शिकायत दर्ज कराई है।
उर्फी जावेद बनीं टारगेट
बीजेपी नेता चित्रा वाघ ने 4 जनवरी को अपने ट्विटर हैंडल के जरिये उर्फी पर निशाना साधा था।
चित्रा ने ट्विटर पर लिखा, ‘सड़कों पर खुलेआम अर्धनग्न औरत घूम रही हैं। महिला आयोग इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है? यह विरोध उर्फी के खिलाफ नहीं, बल्कि सार्वजनिक जगहों पर खुलेआम घूमने के रवैये के खिलाफ है। महिला आयोग कुछ करेगा.. हां या ना..?’
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."