परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली: क्या मुस्लिम धर्म के लोग खाना बनाने या उसे परोसने से पहले उसमें थूकते हैं। यह ऐसा सवाल है जिसपर सोशल मीडिया पर ही बहस छिड़ी हुई है। हाल ही में सोशल माडिया पर इससे जुड़े कई वीडियो सामने आते रहे हैं। वहीं इससे जुड़ा एक और वीडियो सामने आया है। जिसमें कहा गया कि मुसलमान खाना बनाने से पहले उसमें थूक देते हैं। इसी दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के स्कॉलर मतीन खान से बातचीत की। उन्होंने खाने में थूकने जैसी किसी भी बात को बेबुनियाद बताया। मतीन खान ने कहा कि थूकने की कोई परंपरा नहीं है।
खाने में थूकने वाली बात बेबुनियाद- मुस्लिम स्कॉलर
लखनऊ के स्कॉलर मतीन खान ने खाना बनाने के दौरान उसमें थूकने वाले वीडियोज पर जारी बहस को विराम दिया। उन्होंने इसे बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। मतीन खान ने एनबीटी को बताया कि मुसलमानों में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खाना बनते वक्त कुरान की आयतें पढ़कर दम करते हैं। उन्होंने बताया कि सभी मुसलमान ऐसा नहीं करते हैं लेकिन कुछ लोग करते हैं। वे फूंकते है ना कि थूकते हैं। मतीन ने कहा कि थूकने का जिक्र बेबुनियाद है ना ही थूकने की कोई परंपरा है। फूंक करके उसी में फैला देते हैं।
मुसलमानों में कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खाना बनते वक्त कुरान की आयतें पढ़कर दम करते हैं। सभी मुसलमान ऐसा नहीं करते हैं लेकिन कुछ लोग करते हैं। वे फूंकते है ना कि थूकते हैं।
मतीन खान, मुस्लिम स्कॉलर
उन्होंने आगे कहा कि दम इसलिये करते हैं ताकि बरक्कत हो। सरल भाषा में समझें तो दम करने से खाना कम नहीं पड़ता है। इससे सभी को खाना मिल जाता है। कुछ गरीबों के लिये पहले ही खाना निकाल लिया जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि वीडियो में जो लोग भी दिख रहे हैं वो साउथ या मलेशिया के मुसलमान लग रहे हैं क्योंकि दिल्ली में धोती कुर्ता (तहमद) नहीं पहना जाता है।
वायरल वीडियो में क्या है
सोशल मीडिया पर एक बार फिर खाना बनाने के दौरान थूक के दावे वाला वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग खड़े हैं जहां चावल बनाया जा रहा है। तभी उनमें से एक व्यक्ति उसमें कथित तौर पर थूक देता है और उस चावल को एक बार फिर मिला देता है। इस वीडियो को कई ट्विटर हैंडल से शेयर किया जा रहा है। मेजर सुरेंद्र पूनिया ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि खाने में थूकने का क्या लॉजिक है भाई? क्या कोई समझा सकता है ? उनके इस वीडियो के नीचे कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और इसपर आपत्ति जताई। वहीं मशहूर कवि और लेखक आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि जिन्हें यह थूकना लग रहा है उन्हें पता होना चाहिए कि यह दुआ पढ़ कर फूंकने की एक पवित्र इस्लामिक-परम्परा है। जो किसी बड़े बुज़ुर्ग, सूफ़ी, औलिया या धर्मगुरु से करवाई जाती है ताकि खाने में बरकत बनी रहे और एक भी मेहमान घर से भूखा न जाए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."