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November 2, 2024 3:54 am

श्रीरामकथा महोत्सव के दौरान कथाव्यास ने सुनाई जनकपुरी में सीता स्वयंवर का मार्मिक प्रसंग

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आर के मिश्रा की रिपोर्ट 

गोण्डा। जनपद गोण्डा अन्तर्गत विकास खण्ड/नगरपालिका कर्नलगंज स्थित श्रीरामलीला मैदान में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव में कथा व्यास द्वारा भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पद चिन्हो पर चलकर जीवन को धन्य बनाने की प्रेरणा दी जा रही है।

श्रीरामकथा के दौरान शुक्रवार को कथाव्यास पण्डित रमेश शुक्ला महाराज ने जनकपुर में सीता स्वयंवर के प्रति आयोजित धनुषयज्ञ की कथा का बहुत ही मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि राजा जनक ने जब माता सीता के स्वयंबर के लिए धनुषयज्ञ का आयोजन किया था। उस समय राजा जनक ने राजा महराजाओं को आमंत्रित किया था। देश देशांतर के राजा, गन्धर्व, राक्षस आदि स्वयंबर में मानव रूप में आये थे।

राजा जनक ने सीता स्वयम्बर के लिए अपने द्वारा लिये गए संकल्प को भरी सभा में सुनाया। और कहा जो कोई इस शिव धनुष को तोड़ेगा उसी के साथ सीता का विवाह किया जायेगा। राजा जनक की घोषणा सुनकर राजाओं ने सीता स्वंयम्बर में जनकपुर पहुँचकर शिव धनुष को उठाने का प्रयास किया मगर उठाना तो दूर कोई उसे हिला तक न सका। ऐसा देखकर राजा जनक की चिंता बढ़ती गई और उन्होंने सभा के बीच कटु शब्दो का प्रयोग करते हुये कहा कि लगता है पृथ्वी वीरों से खाली हो चुकी है। उनके वचन सुनकर लक्ष्मण ज़ी उत्तेजित हो उठे। और राजा जनक को ललकारते हुए कहा कि जिस सभा मे एक भी क्षत्रिय कुल का व्यक्ति उपस्थित हो वहाँ पर यह अनुचित वाक्य कदापि शोभा नही देता है।

तदुपरान्त ऋषि विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम जी शिव धनुष के पास पहुंचे और अपने आराध्य भगवान शंकर को मन ही मन मे ध्यान कर धनुष को उठा लिया और ज्योंही प्रत्यंचा चढ़ाना चाहा कि शिव धनुष दो टुकड़े में बंट गया। जिस पर माता सीता ने श्रीराम ज़ी के गले में जयमाला डाल दिया। इस शुभ घड़ी पर आंनदित होकर आकाश से देवताओं ने पुष्प वर्षा करते हुये आशीर्वाद दिया। इस तरह सीता स्वयंबर सम्पन्न हुआ। कथा व्यास कि मृदुल वाणी से मनमोहक कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

उक्त कथा पण्डाल में कर्नलगंज विधानसभा क्षेत्र के प्रतिभावान विधायक अजय सिंह, पूर्व चेयरमैन रामजीलाल मोदनवाल, अमित सिंहानिया, मोहित पांडेय, अवधेश गोस्वामी, राजेश सिंह, चंद्रशेखर गोस्वामी, कन्हैयालाल वर्मा, मुकेश वैश्य सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."