मन्नू भाई गुजराती की रिपोर्ट
वडोदरा: किकबॉक्सिंग छोड़ दो यह आपके पैर को हमेशा के लिए खराब कर सकता है… वडोदरा शहर की किकबॉक्सर बिटिया डिंकल गोरखा जब बस एक्सीडेंट में घायल हुईं तो हर किसी ने उन्हें यही सलाह दी। सलाह सही भी थी।
किक बॉक्सिंग में पैर का अहम रोल होता है और वह बुरी तरह घायल हो गई थीं। लेकिन यह 17 वर्षीय लड़की एक पैर खराब होने के बावजूद हार नहीं मानी और वडोदरा में गुजरात किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप जीतकर अपने आलोचकों को चुप करा दिया।
गोरखा ने प्रेसिडेंट्स कप में लाइट-कॉन्टैक्ट किकबॉक्सिंग के फाइनल में अपने प्रतिद्वंद्वी को आसानी से हरा दिया। किकबॉक्सिंग की विभिन्न वर्गों में 100 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस बारे में वह कहती हैं- यह मेरे लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। जब मैं पांच साल पहले किकबॉक्सिंग में आई थी तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं स्टेट चैंपियनशिप जीतूंगी। इसने मेरे आत्मविश्वास के लिए चमत्कार किया है।
डिंकल को प्यार से डिंकू बॉक्सर भी कहा जाता है। वह कहती हैं- चोटिल होने के बाद कई लोगों ने मुझे किकबॉक्सिंग न करने की सलाह दी थी। मैं थोड़ा निराश थी, लेकिन मैंने अपने सारे संदेह दूर कर दिए और चार महीने पहले स्टेट चैंपियनशिप की तैयारी शुरू कर दी। एक बार जब मैं अखाड़े में प्रवेश करती हूं, तो मेरा ध्यान केवल प्रतिद्वंद्वी पर हमला करने और गेम जीतने पर होता है।
2009 में जब गोरखा अपनी मां शोभा के साथ बस में सफर कर रही थीं, तब उनका पैर जख्मी हो गया था। उनके बाएं पैर के टखने के ऊपर का हिस्सा कुचल गया था। मां के के दोनों पैर काटने पड़े और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए शराब का अवैध व्यावार तक करने को मजबूर होना पड़ा, लेकिन उन्होंने कुछ ही समय में अपनी मां को इस धंधे से बाहर निकलने के लिए मना लिया।
मुश्किल वक्त में बक्शी एजुकेशन ट्रस्ट ने गोरखा और उनकी बहन की किकबॉक्सिंग कोचिंग फीस के साथ तीन साल के शिक्षा खर्च को भी वहन किया। ट्रस्ट ने शोभा को फूड स्टॉल भी दान किया। इस बारे में वह कहती हैं- मेरा ध्यान अब राष्ट्रीय स्तर पर खेलने और फिर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की तैयारी पर है।
गोरखा के कोच, सिद्धार्थ भालेगरे ने कहा- वह शानदार है। वह कड़ी मेहनत करती है। यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करती है कि वह अपने विरोधियों से बेहतर प्रदर्शन करे। गोरखा का भविष्य उज्ज्वल है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."