दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर । जान पहचान वाला नौकरी का लालच देकर युवक को अपने साथ ले गया और उसे अंधा कर दिल्ली के भिखारी गैंग को बेच दिया। मामला तब खुला जब भीख मांगने के दौरान युवक की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। भिखारी गैंग के सदस्यों ने उसे किसी काम का नहीं समझा और कानपुर छोड़ गए। पुलिस ने मामले में तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
घटना सात महीने पहले की है। नौबस्ता थाना क्षेत्र के मछरिया निवासी सुरेश मांझी को नौकरी का लालच देकर विजय अपने साथ ले गया था। विजय ने सुरेश माझी को अपने घर में बंधक बना लिया। इस दौरान उसने उसे अंधा कर भिखारी गैंग को बेच दिया। भिखारी गैंग के सदस्यों ने हाथ पैर तोड़ कर सुरेश माझी से दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर भीख मंगवाने लगा।
भिखारी गैंग ने भीख मांगने लायक नहीं समझा, वापस छोड़ गए कानपुर
सुरेश ने अपने बयान में बताया था कि भीख मांगने के दौरान सुरेश की तबीयत बिगड़ गई। इस पर भिखारी गैंग ने विजय को वापस करते हुए मेरी जगह दूसरा लड़का देने को कहा। कानपुर सेंट्रल पर भी उसे दूसरी जगह बेचने की योजना बन रही थी। बाद में लेबर मंडी किदवई नगर में उसे छोड़ दिया गया।
अपनी आपबीती सुनाते हुए सुरेश मांझी ने कहा कि भिखारी गैंग का जाल कानपुर से लेकर दिल्ली मुंबई तक फैला हुआ है। उसने यह भी कहा था कि लोग उसकी बातों पर विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन यह सच्चाई है कि भिखारी गैंग का नेटवर्क पूरे देश में फैला है।
थाना प्रभारी ने बताया तीन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, एक महिला फरार
थाना प्रभारी संजय कुमार पांडे ने बताया कि विजय और उसकी बहन तारावती मुख्य आरोपी राजनगर और उसकी मां आशा देवी निवासी नागलोई दिल्ली के कहने पर जाल बिछाते थे। पुलिस ने नटवन टोला किदवई नगर को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि विजय ने पुलिस को चकमा देते हुए दिसंबर में सरेंडर कर दिया था। जबकि उसकी बहन तारावती फरार है। जिसके ऊपर डीसीपी ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। गिरफ्तारी के लिए दो टीमों को लगाया गया है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."