दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
दिखाने के लिए वो दर्जी था, लेकिन था वो एक ऐसा हैवान जो एक के बाद एक 33 लोगों को पहना चुका था कफन। वो कहता था वो लोगों को मौत नहीं मुक्ति दे रहा है। वो खुद को कातिल नहीं लोगों को कष्टों से छुटाकारा दिलाने वाला महान इंसान मानता था। सूरज ढलते ही जाग जाता था उसके अंदर का हैवान और फिर वो तलाश करता था अपने शिकार की जिसे वो पहना सके एक और कफन।
सीरियल किलर दर्जी की कहानी
ये कहानी है मध्यप्रदेश के एक दर्जी आदेश खामरा की जिसने एक के बाद एक 33 लोगों को मारा डाला। करीब 10 साल तक ये दर्जी देशभर में लोगों का एक के बाद एक कत्ल करता रहा और कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। भोपाल के नजदीक मंडदीप में आदेश खामरा की टेलर शॉप थी। वो एक अच्छा टेलर माना जाता था। लोग दूर-दूर से उसके पास कपड़े सिलवाने आते। बताया जाता है कि उसका व्यवहार लोगों के साथ इतना अच्छा था कि कभी कोई ये सोच भी नहीं सकता था कि जो दिनभर इतना अच्छा इंसान हो वो रात होते ही राक्षस कैसे बन सकता है।
ट्रक ड्राइवर्स के कत्ल करने वाला किलर
2015 के आसपास पूरे देश में ट्रक ड्राइवरों की मौत की खबरे आने लगी थी। अलग-अलग राज्यों में रात में हाइवे में ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों के कत्ल हो रहे थे। ये सारी घटनाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहीं थी इसलिए पहले तो किसी को कुछ भी समझ नहीं आया, लेकिन जब एक ही अंदाज में एक ही ही पेशे के कई लोग मारे जाने लगे तो पुलिस ने इन मर्डर मिस्ट्रीज को जोड़ना शुरू किया। उस दौरान मर्डर की जितनी भी वारदातें हुई उन सभी वारदातों में कत्ल का तरीका एक ही था।
जहरीली दवा देकर दी मौत
ज्यादातर मामलों में ट्रक ड्राइवर को जहरीली दवा देकर मारा गया था। खास बात ये थी कि ये सारे ही ट्रक ड्राइवर हाइवे पर ट्रक चलाने वाले होते थे जो अपने व्यापारी का माल इधर से उधर ले जाते थे। उस दौर में हाइवे में कही सीसीटीव कैमरे नहीं लगे होते थे इसलिए कत्ल को लेकर कोई सुराग नहीं मिल पाते थे। यहां तक की ड्राइवर की लाश भी दूसरे राज्यों में फेंक दी जाती थी जिस वजह से लाश को पहचानना मुश्किल हो जाता था। ज्यादातर लाशे नदीं या फिर नहर में डाली गई थी ताकि मछलियां लाश खा ले और शिनाख्त न हो पाए।
गैंग बनाकर करता था ड्राइवरों का मर्डर
2018 तक ऐसे ही चलता रहा, लेकिन 2018 में पुलिस ने एक ट्रक ड्राइवर की हत्या के सिलसिले में एक शख्स को गिरफ्तार किया। इस शख्स का नाम था जयकरण। पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे थे जिसके बाद जयकरण को गिरफ्तार किया था। पुलिस पूछताछ में जयकरण ने मंडीदीप के दर्जी आदेश खामरा का नाम लिया। उसने बताया कि उनका एक गैंग है जो हाइवे में ट्रक चलाने वाले ड्राइवर्स का कत्ल करता है और इस गैंग का सरगना है मंडीदीप का मशहूर दर्जी आदेश खामरा जो अब 34वें शिकार की तलाश में है।
सुल्तानपुर से किया गया गिरफ्तार
जयकरण की गिरफ्तारी की खबर आदेश को भी लग चुकी थी, वो समझ गया था कि अब पुलिस जल्द ही उसके पास आएगी इसलिए वो अपने घर को छोड़कर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में छुप गया। आदेश खामरा मूलत सुल्तानपुर का ही रहने वाला था, लेकिन सालों से वो मंडीदीप में ही दर्जी का काम करता था। उसके तीन बच्चे और पत्नी भी वहीं उसके साथ रहते थे। मध्यप्रदेश पुलिस की एक टीम उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई और फिर जंगल से उसे धर दबोचा गया।
2007 से कर रहा था सीरियल किलिंग
आदेश की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। ये दर्जी 2007 के बाद से ही सीरियल किलर बन चुका था, लेकिन दिनभर ये दर्जी का ही काम करता था। इसने पैसा कमाने के लिए ट्रक ड्राइवर्स को मारने का प्लान बनाया। इसने पूरे देश में अपना एक गैंग तैयार किया जो इसे ड्राइवर्स के बारे में खबर देता था। जयकरण इसके गैंग का सबसे अहम सदस्य था जिसका काम था ट्रक ड्राइवर्स को अपने झांसे में लेना। ये लोग पहले ट्रक ड्राइवर से दोस्ती करते और फिर उनके ट्रक में बैठ जाते। उसके बाद आदेश खामरा ड्राइवर जहरीली दवाई मार डालता।
कत्ल से पहले कोडवर्ड में करते थे बात
इन्होंने कई ऐसे गैंग से दोस्ती की हुई थी जिनके पास ये हत्या के बाद ट्रक और उसमें रखे हुए सामान को बेच देते। देश के कई इलाकों में आदेश खामरा के लोग मौजूद होते थे। ये लोग कोडवर्ड में ही बात करते। अगर जयकरण किसी ट्रक ड्राइवर को अपने झांसे में फंसा लेता तो वो आदेश को फोन करके बोलता ‘भाई साहब कुछ मीठा तो खिला दो’। ये कोड वर्ड सुनते ही आदेश समझ जाता कि उसे जयकरण के पास जाकर ट्रक ड्राइवर का कत्ल करना है। इसके अलावा भी इनके कई और कोडवर्ड्स होते थे जिनके जरिए ही इनके गैंग के लोग बात करते थे।
5 करोड़ से ज्यादा की लूट की थी
पुलिस का मानना है कि आदेश खामरा के गैंग ने लूट के दौरान करीब 5 करोड़ से ज्यादा की लूट की है। इस गैंग के कई और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने जब इस सीरियल किलर से पूछताछ की तो इसने सारे कत्ल की एक-एक कहानी पुलिस को बताई। पुलिस भी हैरान थी कि इसे हर ट्रक ड्राइवर का नाम और उसकी पूरी कहानी याद थी।
‘मैं उन्हें कष्टों से मुक्ति देता था’…
33 लोगों की जान ले चुका ये ये सीरियल किलर दर्जी अब भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद है। जेल के अंदर ये बेहद सौम्य नजर आता है। ये अंदर धार्मिक किताबे पढ़ता है। ये खुद को बेकसुर मानता है। खुद को बचाने के लिए ये कई तरह की बातें बनाता है। इसने पुलिस को बताया कि बचपन में इसके पिता ने इसके ऊपर काफी जुल्म किए थे जिसकी वजह से ये हिंसक हो गया। साथ ही इसका कहना है कि ट्रक वालों की ज़िंदगी के कष्ट देखकर ये बहुत दुखी होता था इसलिए इसने उनको उनके दुखों से मुक्ति देने के लिए उनको मारा है जो कि एक पुण्य का काम है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."