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November 22, 2024 10:10 am

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17 साल की उम्र में घर से भाग गया था, 52 साल बाद लौटा अपनों के पास

14 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के कुंदरकी क्षेत्र देवरिया गांव से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है जी हां आपको बता दें कि एक युवक 17 साल की उम्र में अपनी मां से डांट खाकर गुस्से में घर छोड़कर चला गया था घर छोड़ते वक़्त अपनी माँ से 5 रूपए लेकर घर छोड़ कर चला गया था माँ ने गुस्सा दो बार पांचवी कक्षा में फेल होने पर डांटा था लेकिन मां को यह मालूम नही था कि यह घर वापस नही आएगा। लड़के जाने के बाद मां ने सभी जगह बेटे को तलाश किया लेकिन बेटा कही नही मिला । 

सोशल मीडिया के माध्यम से 52 साल बाद बुजुर्ग ने अपने परिजनों को पहचान लिया किसी ने दिल्ली में इन पर ऐसे ही विजुअल बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया। सोशल मीडिया का विजुअल किसी गाँव के बच्चे ने अपने बुज़ुर्ग को दिखाया तो इन के दोस्त नंन्हे ने इनको पहचान लिया। गांव में यह चर्चा का विषय बन गए तो इनका भतीजा और उसके दोस्त इनको ढूंढते दिल्ली पहुंच गए। दो दिन तक इनको तलाश गया तो दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर यह मिल गए। बच्चों ने इनकी खुशामद की तब यह घर आने को राज़ी हुए।  जिसे देखकर गांव में बुजुर्ग का जोर शोर से स्वागत किया गया और लोगों में बुजुर्ग को देखकर बेहद खुशी का माहौल दिखा। 

आपको बता दें सोशल मीडिया से बातचीत के माध्यम से दोनों लोग आपस में मिले। बुजुर्ग ने बताया कि जब उसने अपने परिजन से बात की तो वह उन्हें नहीं पहचान पा रहे थे। तब उन्होंने जो कपड़े घर से पहन कर गए थे उसकी पहचान बताई और अपनी कुछ पुरानी यादें बताएं और कहा कि मैं घर से आपसे 5 रुपए लेकर गया था जिसके बाद परिजनों को वह पुरानी बातें याद आई और सब लोग आपस में मिल गए । इस मौके पर कुंदरकी क्षेत्र के आसपास के लोग भी खुशी के माहौल में शामिल हो गए।

52 साल के लंबे अरसे में वो कहां-कहां गए और यह 52 साल वो कहां रहे तो उन्होंने बताया कि मैं बिहार, बेंगलोर, दिल्ली, पटना और याद नही कहां कहां रहा, मैं अब वो सब भूलना चाहता हूँ। मैं अपने परिवार मे आ गया हूँ। अल्लाह का लाख लाख शुक्र है कि अल्लाह ने जीते जी मुझको अपने परिवार से मिलवाया। मैं उसका शुक्र भी अदा नही कर सकता ।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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