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November 1, 2024 9:07 pm

‘तारीख बदलने से जीवन में खुशियां और कामयाबी नहीं मिलती’

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अनिल अनूप 

आपको कई बार ऐसा लग सकता है कि आपका ही जीवन इतनी उलझनों से भरा क्यों है? जब भी ऐसा लगे तो कभी हिमा दास, कभी नवाजुद्दीन सिद्दीकी, कभी सुपर-30 वाले आनंद कुमार की कहानियां पढ़ लीजिए और आपको तुरंत ऐसा एहसास होगा कि आपकी जिंदगी कई लोगों से बेहतर स्थिति में है।

नया साल 2023 आ गया है। खुशी और उत्साह के साथ नए साल का लोग स्वागत करते हैं। नया साल हम सभी के लिए बेहद खास होता है। इस मौके पर हम पिछली तमाम परेशानियों, दुखों और असफलताओं को भूलकर एक नई शुरुआत करते हैं। लोगों को ऐसा विश्वास होता है कि नया साल उनके जीवन में बदलाव लाएगा। नया साल खुशियां, उन्नति लेकर आएगा। लेकिन कैलेंडर बदलने या तारीख बदलने से जीवन में खुशियां और कामयाबी नहीं मिलती। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आपको दृढ संकल्प करना पड़ता है। हर कदम पर उस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होते रहना पड़ता है। लोग नए साल पर कुछ संकल्प लेते हैं। ये आपको नए-नए लक्ष्यों को पाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। वैसे तो जीवन में हर दिन महत्वपूर्ण होता है लेकिन फिर भी हमारा मन किसी न किसी शुरुआती बिंदु या समय की तलाश करता है, जहां से हम कुछ नए काम की शुरुआत कर सकें। हर आदमी अपने जीवन में कुछ न कुछ बदलाव तो लाना ही चाहता है, लेकिन कभी आलसीपन, कभी प्रेरणा की कमी, तो कभी संसाधनों का अभाव, ये सब मिलकर हमें आगे बढऩे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकते हैं।

कई बार हमें अपने प्रयासों पर भी संदेह होने लगता है कि हम जो कर रहे हैं, वह सही है भी या नहीं, सही दिशा में है भी या नहीं। हम जो भी प्रयास और मेहनत आज कर रहे हैं, उनका त्वरित परिणाम मिल जाए यह जरूरी नहीं है। आपको कई बार ऐसा लग सकता है कि आपका ही जीवन इतनी उलझनों से भरा क्यों है? जब भी ऐसा लगे तो कभी हिमा दास, कभी नवाजुद्दीन सिद्दीकी, कभी सुपर-30 वाले आनंद कुमार की कहानियां पढ़ लीजिए और आपको तुरंत ऐसा एहसास होगा कि आपकी जिंदगी कई लोगों से बेहतर स्थिति में है। जब भी कहीं से भी हमें कुछ अच्छा और बड़ा करने की प्रेरणा मिलती है, हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ये ऊर्जा हमारे नकारात्मक विचारों को दूर कर हमें अपने जीवन को बेहतर बनाने की और हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने की शक्ति देती है। इस शक्ति को बनाए रखने के लिए हमें अपने लक्ष्यों के प्रति संकल्पबद्ध होना चाहिए। हम यह कह सकते हैं कि संकल्प तो कभी भी लिए जा सकते हैं, लेकिन यदि साल के प्रथम सप्ताह में शुरुआत हो जाए तो इससे बेहतर क्या बात होगी। आप आज जो हैं, वह इस बात को इंगित करता है कि पिछले कुछ वर्षों में आपने क्या किया है, आप कल क्या होंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आज आप क्या संकल्प ले रहे हैं और उस संकल्प को पूरा करने के या अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कितना समर्पित हैं। यहां ध्यान देने योग्य एक और बात यह है कि लक्ष्य ऐसे होने चाहिएं जो कि आपकी क्षमता से परे न हों।

ऐसे अप्रयोगिक लक्ष्य न बनाएं जैसे कि ‘मैं आज से हर दिन 18 घंटे पढ़ूंगा या पढ़ूंगी, आज से दिन में केवल एक बार ही भोजन करूंगा या करूंगी। एक ही महीने में 20 किलो वजन कम करूंगा । आज से सारा सोशल मीडिया बंद कर दूंगा इत्यादि। ऐसे लक्ष्य निर्धारण के दो नुकसान हो सकते हैं। पहला ये कि इनको पूरी ऊर्जा के साथ निभाना थोड़ा मुश्किल है। दूसरा नुकसान ये हो सकता है कि यदि आप इनके प्रति समर्पित रह भी जाते हैं तो भी इसके साथ आपको कुछ न कुछ शारीरिक या मानसिक ज्यादती सहनी पड़ सकती है। बेहतर होगा कि खुद के लक्ष्यों या संकल्पों को थोड़ा लचीला बनाएं, जैसे कि मैं हर सप्ताह में कम से कम पांच दिन 8-10 घंटे पढ़ाई जरूर करूंगा या करूंगी। सप्ताह में केवल एक दिन ही मिठाई, मीठी चीज़ें खाऊंगा, दिन में 30 मिनट से ज़्यादा सोशल मीडिया पर नहीं बिताऊंगा। ऐसा करने के दो फायदे होंगे, पहला ये कि आप आसानी से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे और दूसरा फायदा ये होगा कि यदि किसी कारणवश आप अपने साप्ताहिक या दैनिक लक्ष्य से चूक गए तो आपको आत्मग्लानि नहीं होगी क्योंकि आपके पास एक विकल्प होगा और आने वाले दिनों में आप अपने लक्ष्य को पूर्ण कर लेंगे। ऐसा करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यदि आप पहली ही बार में बहुत ही कठोर निर्णय ले लेते हैं और एक बार भी उसे पूर्ण न कर पाए तो ज़्यादा सम्भावना ये ही बनती है कि आप उस सम्पूर्ण लक्ष्य के प्रति निरुत्साहित होकर उसे छोड़ देंगे।

नए वर्ष का प्रथम सप्ताह आपको यह सुनहरा अवसर देता है कि आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के बारे में गम्भीरता से सोचें और अपने जीवन के लक्ष्यों का मूल्यांकन करें। अगर आपको ऐसा लगता है कि अब लक्ष्य निर्धारण करने का समय निकल चुका है तो केवल आपको याद दिलाने के लिए मैं ये कहना चाहूंगा कि जब स्पाइन ट्यूमर के जटिल ऑपरेशन होने के कई सालों बाद अपनी उम्र के पांचवें दशक में दीपा मलिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत सकती है, कर्नल सैंडर 65 वर्ष की उम्र में केएफसी की स्थापना कर सकते हैं तो आप भी तो बहुत कुछ कर सकते हैं। अपने प्रयासों को नई दिशा दीजिए और अपने लक्ष्यों को नई ऊर्जा दीजिए। तो ज्यादा न सोचिए, और नई ऊर्जा से, नई उमंग से, नई तरंग से, एक नई सफलता की कहानी लिखने को हो जाइए तैयार, क्योंकि नव वर्ष कर रहा है आपका बेसब्री से इंतज़ार। नव वर्ष में हमें हमेशा सकारात्मक होना चाहिए और उस मुकाम को पाने के लिए हर प्रकार की कोशिश करनी चाहिए। नए साल में हम पुराने साल की अपेक्षा कुछ नया और बेहतर करना चाहते हैं। नया साल नई उम्मीदें, नए अवसर, नई ख़ुशियां, नए रिश्ते व बहुत सारी नई चीजें लेकर सभी के जीवन में आता है। अगर आपने अब तक नए साल पर कोई नया संकल्प नहीं लिया है तो इस बार अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए और सफलता प्राप्त करने के लिए कोई बेहतरीन संकल्प जरूर लें। आने वाला नया साल हम सभी के लिए आशावान होगा। हम नए सपने बनेंगे या अपने सपने को इस साल पूरा करेंगे। नए साल का मतलब बहुत सारे नए सपने और नई उपलब्धियां हैं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."