ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है। शाही ईदगाह के अंदर सबूतों की जांच के लिए कमिश्नर भी नियुक्त किया गया है। इस पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
“मस्जिद और मंदिर के बीच हो चुका समझौता”
ओवैसी ने इस मुद्दे पर रविवार को कहा, अयोध्या के बाबरी मस्जिद केस में फैसले के बाद मैंने कहा था कि यह संघ परिवार की शरारतों को बढ़ा देगा। अब मथुरा कोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के अंदर सर्वे के लिए कमिश्नर नियुक्त कर दिया है। इस तरह के मुकदमों पर रोक लगाने वाले पूजा स्थल अधिनियम के बावजूद यह आदेश दे दिया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह आदेश तब दिया गया है जब मस्जिद और बगल के मंदिर में उनके विवाद को हल करने के लिए एक लिखित समझौता काफी साल पहले हो चुका है। ये सब हो रहा है क्योंकि एक पक्ष मुसलमानों को लगातार निशाना बना रहा है।”
20 जनवरी तक देनी है सर्वे रिपोर्ट
हिंदू सेना नाम के संगठन की अर्जी पर सिविल जज सीनियर डिवीजन ने ईदगाह का अमीन सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। 20 जनवरी को अगली सुनवाई होगी। अमीन को उससे पूर्व संबंधित रिपोर्ट अदालत में दाखिल करनी है।
8 दिसंबर को दाखिल की गई थी अर्जी
8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन जज सोनिका वर्मा की अदालत में इस संबंध में अर्जी डाली थी।
अर्जी में दावा किया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ईदगाह बनवाई थी। ऐसे में ये जमीन श्रीकृष्ण के मंदिर को दी जाए। अर्जी में 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है।
Author: samachar
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