सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
लखनऊ: अखिलेश यादव हिंदी में भड़क रहे हैं। गुस्सा कर रहे हैं। सवालों के जवाब में जवाबी सवाल दाग रहे हैं। उनका बदला रूप लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में जीत के बाद से अखिलेश यादव उत्साहित हैं। लोगों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। हर जिले में जाने की तैयारी में है। अब तक कई जिलों तक पहुंच चुके हैं। उनके दौरे को समाजवादी पार्टी के वोट बैंक को मजबूत करने और संगठन को ग्रासरूट लेवल पर मजबूती देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इसी दौरान उनसे जब कानपुर जेल के बाहर सवाल किया गया कि क्या आप माय समीकरण को साधने के लिए निकले हैं? इस पर वह भड़क गए। मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में जीत का हवाला देने लगे। पूछने लगे, क्या आपकी नजर कमजोर है? आपको अपनी आंख की जांच करानी चाहिए।
दरअसल, अखिलेश कानपुर जेल में पार्टी विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात करने पहुंचे थे। अब इससे संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है।
क्या कहा अखिलेश यादव ने?
अखिलेश यादव से सवाल किया गया कि क्या आप प्रदेश में माय(मुस्लिम + यादव) समीकरण को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं? सवाल बिल्कुल सीधा था। लेकिन, अखिलेश यादव ने इसका जवाब देने की वजह मीडियाकर्मी से पहले उसके मीडिया संस्थान का नाम पूछा। फिर जवाबी सवाल दागा, क्या तुम्हारी आईसाइट (नजर) कमजोर है। अगर आईसाइट कमजोर है तो इलाज कराओ। तुम्हें मैनपुरी का रिजल्ट नहीं दिखता है? वहां हमें कैसा सपोर्ट मिला है, नहीं दिखा? अपने चश्मे के नंबर को बदला लो।
अखिलेश यादव ने कहा कि आप बीजेपी के कार्यकर्ता मत बनिए। आप मैनपुरी जाइए। वहां के चुनाव परिणाम को देखिए। कोई भी वर्ग नहीं छूटा, जिसने समाजवादी पार्टी को वोट नहीं दिया। ये बीजेपी के लोगों की भाषा है। रामपुर विधानसभा उप चुनाव के रिजल्ट के बारे में पूछने पर अखिलेश ने कहा कि वहां तो वोट ही नहीं डालने दिया।
निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी है सपा
समाजवादी पार्टी इन दिनों निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। पार्टी की ओर से स्थानीय स्तर पर वोट बैंक को मजबूत बनाने का प्रयास हो रहा है। इसके लिए अखिलेश यादव जिलों की यात्रा कर रहे हैं। वहां पर संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए तमाम शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी यात्रा को अहम माना जा रहा है। अब तक मुलायम ही माय समीकरण को मजबूत करने की जिम्मेदारी संभालते थे। कानपुर दौरे के दौरान जेल में बंद विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात की थी। अखिलेश की इन मुलाकातों के बाद से उनके माय समीकरण को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी संभालने की चर्चा शुरू हो गई। इसी से संबंधित सवाल पर अखिलेश भड़क गए।
अखिलेश यादव के भड़कने को लेकर कई प्रकार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। एक वर्ग यह भी कह रहा है कि अखिलेश यादव माय समीकरण तक खुद को सीमित नहीं रखना चाहते हैं। माय समीकरण से वे दलित और ओबीसी वोटरों को भी जोड़ने की तैयारी में हैं। इस कारण माय समीकरण की चर्चा से भड़क रहे हैं। वहीं, कई लोगों का कहना है कि मैनपुरी उप चुनाव में जीत के बाद से उनके तेवर बदले हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."