सुरेश चौहान की रिपोर्ट
मथुरा। विकास खंड फ़रह क़े गांव पिपरौठ क़े वासिन्दे गांव में फैल रही गंदगी व मच्छरों क़े प्रकोप से काफ़ी परेशान है। उन्हें डर सता रहा है कि पिछली वर्ष की भांति कहीं गांव में डेंगू न फैल जाये।
गांव की हाइवे से दूरी मातृ दो किलोमीटर है। चूंकि गांव आगरा मथुरा क़े बॉर्डर पर स्थित है रैपुराजाट से गांव की पक्की सड़क बनी है। जिसमें प्रधान व ग्राम पंचायत सचिव द्वारा कोई भी विकास कार्य न कराये जाने क़े कारण सड़क पर पानी भरा हुआ है, जिससे गांव क़े लोग गंदे पानी में से जैसे तैसे निकलते हैँ। किसी की बाइक फिसलती है तो किसी क़े कपड़े पैदल निकलने पर गंदे हो जाते हैँ।
ग्रामीण होतम सिंह व पूरन बाबा का कहना है कि गांव क़े होली चौराहे से सड़क क़े एक किनारे बड़ी नाली का निर्माण नहर तक हो जाये तो गंदगी समाप्त हो जायेगी।
गांव क़े प्रधान व सचिव द्वारा उचित कमीशन लेकर सफाई कर्मचारी का वेतन बिना सफाई किये ही जारी कर दिया जाता है। कई बार सफाई कर्मी की शिकायत प्रधान से की गयी लेकिन वह वी आई पी ड्यूटी में होने का बहाना बनाकर गांव नहीं पहुंचता है जिससे गांव में गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। साहब गांव आएंगे भी क्यों उन्हें तो वेतन बिना किये का मिल ही जाता है।
मेघपुर दखौला पींगरी तथा पिपरौठ गांव क़े वासिन्दे मुख्य मार्ग होने क़े कारण गंदगी से बहुत परेशान हो रहे हैँ लेकिन उस पर प्रधान द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मनरेगा क़े रूपये भी फर्जी मजदूर बनाकर समय समय पर निकाल लिए जाते हैँ। धरातल पर कोई भी विकास कार्य कहीं नहीं कराया जा रहा है। मनरेगा क़े कार्य भी प्रधान द्वारा नियत लोगों पर 50-50 पर करवाये जा रहे हैँ। कार्य मजदूरों क़े वजाय जे सी बी मशीनों द्वारा करवाया जाता है जिससे कार्य सही नहीं हो पा रहा है। कमीशन देकर ठेकेदार कार्य करवा रहे जो धरातल पर मानक क़े अनुरूप कोई भी कार्य नहीं करा पाते हैँ। विकास कार्यों में किये जा रहे भ्रष्टाचार क़े कारण जनता में रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों ने सफाई कर्मचारी को नियमित गांव आने क़े साथ साथ सड़क क़े किनारे नाली बनवाने की मांग की है।
Author: samachar
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