सुरेश चौहान की रिपोर्ट
मथुरा । गोवर्धन क्षेत्र क़े ग्राम जचौदा व रामनगर,जुनसुटी, माधुरीकुण्ड आदि दर्जनों गांव में आवारा पशुओं से किसान बेहद परेशान हो रहे हैं। किसानों ने बताया आवारा पशुओं से हमारी फसल नष्ट हो रही है और हम बहुत ही परेशान हैं।
किसानों ने बताया कि चुनाव के समय तो नेता बड़े-बड़े वादे करक़े भोली भाली जनता से वोट ले जाते हैं लेकिन फिर यही नेता पीछे मुड़ कर भी नहीं देखते।
किसानों ने आवारा पशुओं को लेकर आप बीती सुनाई और कहा हमें एक बीघा फसल गेहूं की तैयार करने के लिए ₹10000 रूपये की आवश्यकता होती है। फसल बोने क़े लिए किसानों को इस समय प्राइवेट दुकानों से डीएपी खाद 1600 रुपए का दिया जा रहा है जो कि खाद की सरकारी मूल्य ₹1300 होता है। ओवर रेट खाद एवं बीज से बेहद ही परेशान है ऊपर से आवारा पशुओं को लेकर ज्यादा परेशान है । पशु फसल उगते ही उसे डकार रहे हैँ।
सरकार ने कंटीले तार लगाने पर भी पाबंदी लगा दी। किसानों का कहना है कि पिछले महीने धान की फसल भी बे मौसम बरसात की वजह से नष्ट हो गई थी। अभी तक उसकी कोई भी मदद की धनराशि सरकार द्वारा नहीं दी गयी है।
सरकारी गौशालाएं भी धन हड़पने का कार्य कर रही हैँ। सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान को गौशाला क़े संरक्षक और चारे क़े ठेकेदार मिलकर डकार जाते हैँ। गायों को आवारा छोड़ दिया जाता है। अन्न दाता कहा जाने वाला किसान इस समय बहुत परेशान है।
इस संदर्भ में किसानों ने कई बार शासन व प्रशासन से अपील की है कि गांव क़े प्रधान व सचिव तथा लेखपाल तथा जनप्रतिनिधिओं को जिम्मेदारी दी जाये गायों क़े समुचित प्रबंध की। गौ शालाओं में चारे क़े टेंडर लेने वाले ठेकेदार दिन ब दिन पैसे वाले होते जा रहे हैँ। उनकी देख रेख क़े लिए कोई सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए ताकि वे चारे क़े पैसे को न खा सकें।
Author: samachar
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