कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
अयोध्या में दीपोत्सव में लखनऊ में गोबर से तैनात दीये भी जगमग होंगे। नगर निगम के कान्हा उपवन में इन दीयों को तैयार किया गया है, जहां करीब दस हजार गोवंशीय पशु रहते हैं। इससे पहले भी यहां के गोबर से दीये और श्रीगणेश लक्ष्मी की मूर्तियां समेत दीपावली में बेचे गए थे। अयोध्या जाने वाले दीयों की संख्या पचास हजार है, जो कल शुक्रवार को अयोध्या भेज दिए जाएंगे। इसके अलावा पचास हजार दीयों व गोबर से तैयार अन्य उत्पाद की की बिक्री लखनऊ में होगी।
अपर नगर आयुक्त डा. अरविंद राव ने बताया कि कान्हा उपवन में संरक्षित भारतीय नस्ल के गोवंश के गोबर से बने दीयों को 23 अक्टूबर को अयोध्या में भगवान श्रीराम की धरती पर होने वाले दीपोत्सव में भेजा जा रहा है। पचास हजार दीयों को तैयार कर लिया गया है। इसके अलावा लखनऊ में गोबर से बने उत्पाद जैसे दीपक, श्रीगणेश व लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्ति के साथ ही हवन लकड़ी आदि को 22 अक्टूबर से बेचा जाएगा। इसमे साहू सिनेमा के गेट का बगल में हजरतगंज, सहारागंज पुलिस चौकी के बगल में और सीएसआइ क्लब राज भवन कॉलोनी में स्टाल लगाए जाएंगे।
गौ उत्पादों को कान्हा उपवन नगर निगम लखनऊ में संरक्षित निराश्रित गोवंश के गोबर और गौमूत्र से बनाया गया है जिसका उत्पादन एवम विपणन स्वय सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। गौ उत्पादों की बिक्री से होने वाली आय को कान्हा उपवन गौशाला में संरक्षित गोवंश के भरण पोषण में उपयोग होगा। गौ उत्पादों की दर गो दीपक पांच से रुपये तक गो मूर्तियां सौ से तीन सौ रुपये तक नवग्रह हवन लकड़ी 50 से 200 रुपये तक वजन के अनुसार गो नायल 50 से 250 रुपये तक वजन के अनुसार उपलब्ध हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."