राकेश सूद की रिपोर्ट
चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-51 स्थित बुड़ैल माडल जेल इन दिनों तरह-तरह की मिठाइयों से महक रही है। जेल में बंद कैदी दीपावली पर आम लोगों के लिए विभिन्न तरह की मिठाइयां बना रहे हैं। इन्हें शहर के सेक्टर-22 में स्थित जेल की एक मात्र सृजन शाप पर बेचा जा रहा है। शुद्धता और स्वाद की वजह से यह मिठाइयां लोगों की पसंद बन रही हैं।
कोरोना संकट के कारण तीन साल बाद अबकी बार कैदियों द्वारा तैयार की गई मिठाइयों की मांग काफी अधिक है। इन मिठाइयों के दाम बाजार से काफी किफायती हैं। दीपावली पर बढ़ी मांग को देखते हुए जेल प्रशासन ने इस बार 50 क्विंटल मिठाइयां तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
देसी-घी की जलेबी, गुझिया व लड्डू की मांग ज्यादा
जेल में मिठाई बनाने वाले कैदी मिठाई की गुणवत्ता और शुद्धता का पूरा ख्याल रख रहे हैं। गुणवत्ता के मामले में फूड एंड सेफ्टी विंग और जेल प्रशासन की स्पेशल यूनिट की तरफ से दोहरी जांच करने के बाद मिठाइयां बाजार में आती हैं। इस बार जेल में कैदी शक्कर पारा, बालू शाही, गुझिया, जलेबी (देसी घी), बेसन की बर्फी (देसी-घी), खोया बर्फी, लड्डू (देसी-घी), पेड़ा, मिल्क केक, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, रसमलाई, कैंडी केक और ब्लैक ड्रई केक खास तौर पर तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा नमकीन में समोसा, ब्रेड पकौड़ा, सैंडविच, मिक्स नमकीन, मटर मठ्ठी भी शामिल हैं।
जन्मदिन, सालगिरह और पार्टी के लिए भी हो रहा आर्डर बुक
सेक्टर-22 डी स्थित जेल प्रशासन की सृजन शाप पर कैदियों द्वारा बनाई गई मिठाइयों की ट्राईसिटी के लोग जन्मदिन, शादी समारोह और सालगिरह समेत अन्य छोटे-बड़े कार्यक्रमों के लिए बुकिंग भी कर रहे हैं। दीपावली पर ट्राईसिटी के लोगों के अलावा सरकारी विभागों में जेल में बनी मिठाइयों की एडवांस बुकिंग होती है। किसी भी कार्यक्रम के दो-तीन दिन पहले दुकान पर आर्डर बुक करवाया जा सकता है।
मंत्री से लेकर जज भी मुरीद
बुड़ैल माडल जेल के कैदियों की बनाई मिठाई और खाने की मांग बड़े स्तर पर रहती है। मंत्री से लेकर जज तक जेल का खाना मंगवाकर खाते हैं। यहां की स्पेशल वेज थाली का रेट 170 रुपये है।
मिठाई और खाने की गुणवत्ता को देखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआइ) की तरफ से इसे देश की पहली ईट राइट जेल कैंपस घोषित किया जा चुका है। इसके तहत बुड़ैल माडल जेल को विभिन्न मानकों पर परखने के बाद फाइव स्टार रेटिंग दी गई है।
Author: samachar
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