दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
अतर्रा(बाँदा)। स्वप्रेरित रचनाधर्मी शिक्षक-शिक्षिकाओं के स्वैच्छिक मैत्री समूह शैक्षिक संवाद मंच की बैठक गत दिवस सायंकाल ऑनलाइन माध्यम से संपन्न हुई जिसमें 27 जनपदों से 50 सदस्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
बैठक में सर्वसम्मति से आगामी वर्ष के प्रारंभ में एक शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित करने, मंच की पहुंच से छूटे हुए जनपदों तक संवाद मंच के विस्तार करने तथा शिक्षा के मुद्दों पर आधारित छमाही पत्रिका शैक्षिक संवाद के प्रकाशन के निर्णय लिए गए।
बैठक का आरंभ कुसुम कौशिक (गौतम बुद्ध नगर) के प्रेरणा गीत (बंधु , रुक मत जाना मग में। ध्येय छोड़कर किंतु अधूरे, हंसी करा मत जग में) के सुमधुर गायन से हुआ। तत्पश्चात बैठक के पूर्व निर्धारित विषय बिंदुओं पर चर्चा करते हुए शैक्षिक संवाद मंच के संस्थापक प्रमोद दीक्षित मलय ने संवाद की शुरुआत की। शैक्षिक संवाद मंच की प्रकाशन योजना अंतर्गत सद्य: प्रकाशित साझा संग्रह (प्रकृति के आंगन में) के प्रदेश में चार स्थानों पर हुए लोकार्पण का विवरण रखते हुए कहा कि लोकार्पण कार्यक्रमों में 54 रचनाकारों ने सहभागिता की, 22 अतिथि साहित्यकारों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। सभी रचनाकारों एवं अतिथियों को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र, पुस्तक की प्रतियां एवं स्मृति चिह्न प्रदान किए गए।
सदस्यों द्वारा शैक्षिक संवाद मंच के विस्तार पर योजना बनाई गई कि मंच में प्रतिनिधित्व से वंचित जनपदों में 10-10 सदस्यों की एक टोली बनाई जाएगी। संवाद मंच में ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाओं को जोड़ा जाएगा जो मंच के ‘विद्यालय बने आनंदघर’ संकल्पना का आधार लेकर बच्चों एवं समाज के साथ मिलकर विद्यालय बेहतरी हेतु जमीनी कार्य कर रहे हैं।
सदस्यों के सुझाव पर वर्ष 2023 के प्रारंभ में एक शैक्षिक संगोष्ठी एवं शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित करने पर सहमति बनी। निर्णय लिया गया कि दो दिवसीय समारोह चित्रकूट में आयोजित किया जाएगा जिसमें शैक्षिक मुद्दों पर संवाद, कवि सम्मेलन, शैक्षिक भ्रमण एवं पर्यटन एवं सम्मान समारोह आदि कार्यक्रम किए जाएंगे।
कार्य सुगमता की दृष्टि से शैक्षिक संवाद मंच में शीर्ष स्तर पर एक 21 सदस्यीय टोली गठित की जाएगी जिसमें कलात्मक अभिरुचि, तकनीकी दक्षता, संपर्क-संवाद कुशल, प्रबंधन समझ, लिखने एवं गायन में रुचि रखने वाले, लोकतांत्रिक एवं नेतृत्व कुशल शिक्षक-शिक्षिकाओं को चुना जाएगा। साथियों के सुझाव पर पुस्तक संवाद कार्यक्रम को पुनः आरंभ कर नियमित मासिक बैठक की योजना बनी। इसके साथ ही मंच के वैचारिक दर्शन, उद्देश्य, कार्य पद्धति, कार्यक्रम सम्बंधित एक परिचय पुस्तिका प्रकाशन पर भी सहमति बनी है।
बैठक में ऋतु श्रीवास्तव, बुशरा सिद्दीकी, सुषमा मलिक, हरियाली श्रीवास्तवा, बिधु सिंह, मीना भाटिया, ज्ञानेश राजपूत, कुसुम कौशिक, गुलशन खान, अर्चना वर्मा, बलरामदत्त गुप्त, चंद्रशेखर सेन, ज्योति विश्वकर्मा, आराधना शुक्ला, फरहत माबूद, सत्य प्रकाश, अभिलाषा गुप्ता, कमलेश कुमार पांडेय, डॉ. कुमुद, अनिल राजभर, स्मृति दीक्षित, कुमुद, रीनू पाल रूह, मोनिका सिंह, आकांक्षा चौधरी, मनीष देव गुप्ता, रचना सिंह वानिया, मंजू वर्मा, गीता, अपर्णा नायक, आशा देवी, शीलचंद जैन शास्त्री, ओमकार पाण्डेय, माधुरी त्रिपाठी, श्रुति त्रिपाठी, राजबहादुर यादव, माधुरी जायसवाल, गायत्री त्रिपाठी, शैला राघव, शीला सिंह, संतोष कुशवाहा, दुर्गेश्वर राय, सीमा कुमारी, वर्षा श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार, रुखसाना बानो, प्रतिमा उमराव, अनुराधा दोहरे, कंचन बाला डॉ. सुमन गुप्ता आदि ने भी सुझाव रखते हुए अपने विचार साझा किये।
इसके साथ लेखक विजय प्रकाश जैन, राजस्थान तथा सुरेंद्र कुमार ( समन्वयक- बाल विज्ञान खोजशाला फुलवा, प्रथम संस्था) की गरिमामय उपस्थिति से बैठक समृद्ध हुई। सामूहिक निर्णय अनुसार मासिक बैठक प्रत्येक महीने के दूसरे शनिवार को आयोजित होगी।
Author: samachar
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