रमेश भाई देशमुख की रिपोर्ट
नवरात्रि के दौरान होने वाले गरबा में मुस्लिम युवकों की एंट्री को लेकर कई जगहों पर विवाद हुआ। कुछ वीडियो भी सामने आये, जिसमें पहचान छुपाकर पंडाल में घुसने के आरोप में पिटाई भी की गई। अब गुजरात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, जिसमें कुछ युवकों को पकड़कर उनकी पिटाई की जा रही है। कहा जा रहा है इन मुस्लिम युवकों पर गरबा में पथराव करने का आरोप है।
पत्थरबाजी के आरोपियों की पिटाई
जानकारी के अनुसार, वायरल हो रहा वीडियो गुजरात के खेड़ा जिले का है। दावा किया जा रहा है कि जो व्यक्ति लाठी से युवक की पिटाई कर रहा है, वो एक पुलिस अफसर है। कथित वीडियो में नजर आ रहा है कि पत्थर फेंकने के आरोप में 4-5 लोगों को पकड़ा गया है। इन युवकों को बिजली के एक खंबे के पास लाकर उनके हाथ को ऐसे पकड़ लिया जाता है कि वह बचाव ना कर पाएं और फिर एक व्यक्ति लाठियों से उनकी पिटाई करता है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोगों ने कहा कि गरबा में हुडदंग करने वालों के साथ ऐसा ही करना चाहिए तो कुछ लोग इस पर आपत्ति जताई है। @SahilRazvii यूजर ने लिखा कि 9 मुस्लिम व्यक्तियों पर गरबा के प्रोग्राम पर पत्थर फेंकने का आरोप था। ध्यान दीजिये केवल आरोप था। जिसके बाद गुजरात पुलिस ने उनको मार्किट में सबके सामने डंडों से पीटा और ‘हिन्दू समाज’ के लोग उनकी पिटाई का मज़ा ले रहे हैं।
@WafaCyrus यूजर ने लिखा कि 1930 का जर्मनी नहीं है ये 2022 का भारत है, जिसके अंदर संवैधानिक शासन में गुजरात पुलिस भीड़ के सामने संवैधानिक पिटाई कर रही है @icelife1979 यूजर ने लिखा कि जितनी तेजी से पत्थर मारने के लिए हाथ चला था, उतने ही तेज लाठी भी चलनी चाहिए। पत्थर लगने से कोई बच्चा अंधा भी हो सकता था, बुरी तरह जख्मी भी हो सकता है। @kanpurudan यूजर ने लिखा कि जो लोग इसे अमानवीय बता रहे हैं तो इन्होने जो पत्थरबाजी की, वो क्या था?
खबर के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की लगभग 150 लोगों की भीड़ ने गरबा को रोकने का प्रयास किया था। इसके बाद पथराव और हिंसा होने लगी। इसमें जीआरडी के एक जवान और पुलिसकर्मी घायल हो गया, जबकि कई अन्य ओग भी इसमें घायल हुए। हुडदंग करने वाली भीड़ में से ४३ लोगों के पहचान होने की बात की जा रही है। वहीं कांग्रेस की तरफ से युवकों की पिटाई करने वाले अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग की गई है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."