Explore

Search
Close this search box.

Search

November 23, 2024 3:58 am

लेटेस्ट न्यूज़

कानपुर ट्रैक्टर हादसे में हुई मौत की खौफनाक खनक कम होने से पहले ही लोग भूल क्यों रहे जिंदगी की अहमियत?

12 पाठकों ने अब तक पढा

नौशाद अली की रिपोर्ट 

बलरामपुर। कानपुर में शनिवार को ट्रैक्टर ट्राली पलटने से हुई घटना का जिलावासियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। कानपुर में दो हादसों में 31 लोगों की मौत हो चुकी है।

जिले में इस समय शक्तिपीठ देवीपाटन का मेला चल रहा है। तमाम श्रद्धालु ट्रालियों में सवार होकर माता रानी का दर्शन करने आ रहे हैं। उन्हें यह नहीं पता कि दुर्घटना होने पर उनकी जान भी जा सकती है। 

मुख्यमंत्री के आदेश पर पुलिस ने शिकंजा कसा लेकिन लोगों पर इसका खासा असर देखने को नही मिला। सोमवार को देवीपाटन मंदिर में तमाम श्रद्धालु ट्रालियों पर बैठकर आते दिखे। पुलिस ने ट्रालियां रोककर ट्रैक्टर चालकों को ऐसा करने से मना किया। कहा कि ट्रालियों का निर्माण माल ढुलाई के लिए है न कि सवारियां बैठाने के लिए।

जिले में लगभग 6000 ट्रैक्टर ट्रालियां हैं। इनका उपयोग क़ृषि कार्यो के लिए होने का प्राविधान है। नियम है कि ट्रालियों में कृषि उत्पाद को लादकर व्यापारियों तक पहुंवाया जा सकता है लेकिन गांवों में घारा इसके विपरीत बह रही है। 

धार्मिक अनुष्ठान हो या कोई त्योहार सभी अवसरों पर ट्रालियों का उपयोग सवारियों की ढुलाई में किया जाता है। मेला व मुंडन आदि विशेष अवसरों पर ट्रैक्टर ट्रालियां सवारियों की ढुलाई का सुगम साधन हैं। ट्रैक्टर स्वामी इसके बदले अच्छी खासी रकम प्राप्त करते हैं। गैर विधिक होने के बावजूद इन पर प्रशासन का चाबुक नहीं चलता। वर्ष 2016 में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान थाना महराजगंज तराई अन्तर्गत पटोहा कोट गांव स्थित दहलवा डिप पर ट्रैक्टर ट्राली पलटने से नौ बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हुई थी। इस घटना के बावजूद जिला वासियों ने कोई सीख नहीं ली।

गांवों में यात्रा के लिए सबसे सुगम साधन है ट्रैक्टर ट्राली

इस समय शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच माता दर्शन की होड़ लगी है। जिले का कोई ऐसा देवी स्थल नहीं बचा जहां लोग ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर दर्शन करने न जाते हों। गांव में ट्रैक्टर ट्राली को सुगम साधन माना गया है। मसला बारात जाने का हो या मेला देखने का सभी प्रयोजनों में ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग किया जाता है। यहां तक कि बरदही बाजार से आवश्यक वस्तुएं खरीदने के लिए लोग ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर जाते हैं। जबकि ट्रैक्टर ट्रालियों का उपयोग सिर्फ कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए किया जाना चाहिए।

शनिवार को दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच शुरू हुई। देखा यह गया कि व्यक्तियों का समूह ट्रैक्टर ट्राली पर सवार होकर देवी मंदिरों तक न जाए। बलरामपुर सदर में चार ट्रैक्टर ट्रालियां पकड़ी गई जिनमें लोग समूह के रूप में सवार थे। उन्हें हिदायद देकर पुलिस ने छोड़ा। थाना महराजगंज तराई में चार, ललिया छह, हर्रैया सतघरवा पांच, तुलसीपुर 25, गैसड़ी आठ, पचपेड़वा दस, गौरा चौराहा 12, श्रीदत्तगंज 10, उतरौला 12, गैड़ासबुजुर्ग 10, सादुल्लाहनगर 3, रेहरा बाजार पांच सहित कई ट्रैक्टर ट्रालियां पुलिस ने सवारी ढोते पकड़ी। इन सभी को आगे ऐसा न करने की नसीहत दी गई कहा गया कि सवारियां बैठाने पर आर्थिक दंड लगेगा। सोमवार को पुलिस दिन भर सक्रिय रही। ट्रैक्टर ट्राली पर बैठकर आने वाले लोगों को पुलिस ने जान जोखिम में न डालने की सलाह दी।

राजेश सक्सेना, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर ने कहा कि, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान ट्रैक्टर ट्रालियों में श्रद्धालुओं का जत्था सवार नहीं होगा। ऐसा करने वालों पर आर्थिक दंड लगाया जाएगा। जिले में सीएम के आदेश का पालन कराया जाएगा।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़