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14 January 2025 10:50 pm

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एक गांव में एक साथ 26 अर्थियां, एक ही परिवार के 12 लोग स्वर्ग सिधारे; गांव में नहीं जले चूल्हे , तस्वीरें ?आपको हिला देगी

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर। कोरथा गांव में 26 अर्थियां बनाई गई हैं। रातभर यहां शव आते रहे। लोग लाशों के पास बदहवास से बैठे हैं। कोई लगातार रो रहा है तो किसी के आंसू सूख गए हैं.. बस आंखों में सूनापन है।

कानपुर में शनिवार रात हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें 13 महिलाएं और 13 बच्चे हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में गिर गई थी, उसमें 45 लोग सवार थे। ये लोग उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर से मुंडन संस्कार के बाद कानपुर लौट रहे थे। सभी कोरथा गांव के रहने वाले थे।

पता चला कि ट्रैक्टर ड्राइवर ने शराब पी थी और मना करने के बावजूद वह गाड़ी चला रहा था। मुंडन भी उसी के बच्चे का था। इस हादसे में वह बच गया है और फरार है।

गांव में 26 अर्थियां उठने लगी हैं। गांव में मातम जैसा माहौल है।

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी गांव पहुंची। एक साथ इतनी लाशों को देखकर वो रो पड़ीं। उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाया।

मंत्री राकेश सचान गांव पहुंचे, तो कुछ लोगों ने उनसे शिकायत की। इलाज और मुआवजा को लेकर उन्होंने लोगों को आश्वासन दिए।

गांव में मातम देखकर बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ गई। उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।

एडीजी भानु भाष्कर ने साड़ थाना प्रभारी आनंद पांडेय समेत 4 PRV जवानों को लापरवाही के चलते सस्पेंड कर दिया है। हादसे की मजिस्ट्रियल जांच होगी। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद भी ये लोग सही समय पर नहीं पहुंचे। लोगों ने प्रशासन पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एंबुलेंस देरी से पहुंचीं। अगर समय पर पहुंचती तो कुछ लोगों की जान बच सकती थी।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज मृतकों के परिजनों से मिलने कानपुर पहुंच सकते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लीडर्स ने हादसे पर दुख जताया है। पीएम ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50,000 रुपए की मुआवजा देने की घोषणा की है।

बेटा पाने की मन्नत और एक ही परिवार के 12 की मौत

करीब डेढ़ साल पहले घाटमपुर कोरथा गांव की ज्ञानवती ने 2 बेटियां होने के बाद पुत्र होने की मन्नत मांगी थी। उसने उन्नाव स्थित बक्सर के चंद्रिका देवी से मनौती मांगी थी कि नवरात्रि में पुत्र का मुंडन कराने आएंगी। ज्ञानवती के 7 महीने के बेटे अभि का हैलट इमरजेंसी में इलाज चल रहा है और उसने अपनी एक बेटी दिया को हादसे में खो दिया। ज्ञानवती की सास जानकी की भी हादसे में मौत हो चुकी है। ज्ञानवती ने भास्कर को बताया कि उसके परिवार में 12 लोगों की मौत हुई है। बोलीं- ट्रॉली पलटी तो लगा कि कुछ के हाथ-पैर टूटे होंगे, ये नहीं पता था कि इतने लोगों की जान चली जाएगी।

मृतकों के नाम…

शिवम पुत्र कल्लू (4), जानकी पुत्री कल्लू (5), मिथिलेश पत्नी सफीक (50), केशकली पति देशराज (40), पलक पुत्री राम आधार (4), अंजली पुत्री रामसजीवन (13), किरन पुत्री शिवनायक (15), खुशी पुत्री पुन्तीलाल, मनीषा पुत्री रामदुलारे (17), अनिता देवी पति बीरेंद्र सिंह (35), रामजानकी पत्नी छिद्दू (60), कलावती पत्नी रामदुलारे (50), विनीता पत्नी कल्लू (36), तारा देवी पत्नी केवट (50), रवि पुत्र शिवराम (10), छोटू पुत्र राम दुलारे (12), गीता सिंह पति शंकर सिंह ( 50), मायावती पत्नी राम बाबू (50), उषा पत्नी बृजलाल सिंह ( 45), शिवानी पुत्री राम खेलावन (12), रानी पत्नी राम शंकर ( 50), सुनीता पुत्री रंपत निषाद (15), पार्वती पत्नी सियाराम (65), बिंदिया पुत्री राजू (3), प्रीति पुत्री राजाराम (18), सोनिका पुत्री राजाराम (18)।

देखिए हादसे की तस्वीरें…

देर रात भीतरगांव CHC में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद एक-एक करके 26 शवों को गांव लाया गया।
देर रात भीतरगांव CHC में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद एक-एक करके 26 शवों को गांव लाया गया।
गांव पूरे गांव में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है। अपने को खोने के बाद लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव पूरे गांव में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है। अपने को खोने के बाद लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है।
दिल दहला देने वाला हादसा के बाद गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके।
दिल दहला देने वाला हादसा के बाद गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके।
हादसे में अपने को खोने के बाद विलाप करती महिला। लोग उसे ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन वह रो-रोकर बेहोश हो जा रही है।
हादसे में अपने को खोने के बाद विलाप करती महिला। लोग उसे ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन वह रो-रोकर बेहोश हो जा रही है।
गांव के बाहर अर्थियां तैयार की जा रही है। सभी शवों के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गांव के बाहर अर्थियां तैयार की जा रही है।
यह फोटो कोरथा गांव की है। पोस्टमॉर्टम के बाद सुबह एक-एक करके शवों को गांव लाया गया।
यह फोटो कोरथा गांव की है। पोस्टमॉर्टम के बाद सुबह एक-एक करके शवों को गांव लाया गया।
गांव में एक-एक करके शवों को लाया गया। गांव में आस-पास के बड़ी संख्या में लोग जुट गए हैं।
गांव में एक-एक करके शवों को लाया गया। गांव में आस-पास के बड़ी संख्या में लोग जुट गए हैं।
samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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