दुर्गा प्रसाद शुक्ला की प्रस्तुति
‘सभी को हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव ने बुधवार को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपनी आखिरी सांस दिल्ली एम्स में ली। करीब 41 दिन से वे वहां भर्ती थे। राजू श्रीवास्तव की घनिष्ठता लखनऊ के हास्य व्यंग्य कवि सर्वेश अस्थाना के साथ भी रही है। उन्हें नम आंखों के साथ याद कर सर्वेश अस्थाना ने कहा कि राजू श्रीवास्तव से मेरा सम्बन्ध लगभग तीस साल पुराना है।
सर्वेश जी ने राजू भाई को फोन किया
राजू भइया नमस्कार! कैसे हैं सर्वेश भाई? मस्त। आपको लखनऊ आमंत्रित करना चाहता हूं। कितना पैसा दिलवाओगे सर्वेश भाई? राजू भाई अवधी सम्मान समारोह है आप अवधी के सबसे बड़े व्यक्ति हैं आप आ जाएंगे तो अवधी के पंख लग जाएंगे। लेकिन हम पैसा नहीं दे पायेंगे। कुछ पल की चुप्पी के बाद बोले – ठीक है सर्वेश भाई बिजनेस क्लास का टिकट करा देना।
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अब हम चुप्प हो गए फिर हिम्मत करके कहा- भाई बिजनेस क्लास का टिकट भी नही करा पाएंगे क्योंकि हमारे पास बिल्कुल पैसा नहीं है बस अवधी के लिए समर्पण है। इस पर राजू भाई बोले- ठीक है फिर ऐसी फ्लाइट में कराना जिसमें बिजनेस क्लास होता ही न हो। हमने कहा ठीक। राजू भाई ने स्वीकृति दे दी। लेकिन दो घंटे बाद राजू भाई का फोन आया – सर्वेश भाई टिकट मत कराना टिकट का इंतजाम हो गया है। मुझे आश्वस्त करने के लिए मेरी ईमेल पर टिकट भी भेज दिया।
उस सम्मान समारोह में राजू भाई न सिर्फ आये, खूब ठहाके लगवाये और संस्था को 51 हजार रुपये सहयोग भी करके गए। मेरी आंखों मे आंसू आ गए पर राजू भाई ने मुझे गले लगा कर कहा- सर्वेश भाई आप हमारे दोस्त ही नहीं भाई भी हैं।’
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."