दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बदायूं। बाल गृह बालिका में गर्भवती एक किशोरी ने बेटे को जिला महिला अस्पताल में जन्म दिया। किशोरी व उसका बेटा स्वस्थ्य होने के बाद उसे भी कानपुर अन्य किशोरियों के साथ भेज दिया गया। उक्त किशोरी जरीफनगर थाना क्षेत्र के एक गांव से सात जनवरी को प्रेमी संग गई थी। पकड़े जाने के बाद उसे बाल गृह बालिका भेजा गया था। किशोरी ने 18 सितंबर को महिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था।
सात जनवरी को थाना जरीफनगर क्षेत्र के एक गांव से एक 15 वर्षीय किशोरी अपने पड़ोसी गांव के युवक के साथ चली गयी। परिजनों ने थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मार्च माह में किशोरी को प्रेमी समेत बरामद कर लिया था। पुलिस ने मेडिकल कराया तो किशारी गर्भवती पायी। पुलिस ने कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज कराये तो किशोरी ने अपने प्रेमी के साथ जाने की इच्छा जाहिर की।
जिस पर कोर्ट ने बालिग होने तक किशोरी को बाल गृह बालिका लखनऊ व युवक को जेल भेजने का अदेश दिया। जिसके बाद उसको बाल गृह भेजा गया था। युवक जेल में है। जून माह में बदायूं में बाल कल्याण समिति की ओर से नेकपुर गली नबंर तीन में बाल गृह बालिका का शुभारंभ हुआ तो किशोरी को लखनऊ से बदायूं भेजा गया था। तब से वह बदायूं के बाल गृह में रह रही थी।
17 सितंबर को किशोरी को प्रसव पीड़ा होने लगी जिसके बाद रात में ही किशोरी को महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 18 सितंबर को उसने एक बेटे को जन्म दिया। इसी बीच 25 अगस्त को फरार दो किशारियों के लापता होने के बाद बुधवार को बदायूं स्थित नेकपुर गली नबंर तीन के बाल गृह को बंद कर दिया गया। जिसके बाद 25 किशोरियों को लखनऊ व कानपुर भेजा गया है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार ने बताया कि 17 सितंबर को बाल गृह में रह रही एक किशोरी को प्रसव पीड़ा होने पर महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसको बेटा हुआ था। बुधवार को बदायूं स्थित बाल गृह बंद हो गया। किशेारी व बच्चा स्वस्थ्य है, उसे अन्य किशोरियों व लड़कियों के साथ यहां से शिफ्ट कर दिया गया।
Author: samachar
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