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November 25, 2024 1:40 am

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सिविल में फर्जी सर्टिफिकेट घोटाले की जांच समिति

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राकेश भावसार की रिपोर्ट

नासिक। पुलिस कर्मियों के तबादले के लिए फर्जी चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने के रैकेट में जिला अस्पताल के कुछ चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों व कुछ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता को देखते हुए जांच कमेटी का गठन किया गया है. स्वास्थ्य विभाग के उप निदेशक को जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त को भेजने का आदेश दिया गया है और स्वास्थ्य उप निदेशक ने कहा कि रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. रघुनाथ भोय ने कहा।

पुलिस कर्मियों द्वारा 2019 से 2022 की अवधि के लिए जमा कराए गए मेडिकल सर्टिफिकेट के सत्यापन के बाद कई गंभीर मामले सामने आए हैं। इसलिए इस घोटाले में वरिष्ठ महिला लिपिक और लिफ्टमैन कांतिलाल गंगुरडे को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही इस पूरी जांच में तत्कालीन सिविल सर्जन और सिविल के अतिरिक्त सर्जन के हस्ताक्षर वाले फर्जी प्रमाण पत्र भी मिले हैं।पुलिस को संदेह है कि फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट एक बड़ी चेन (गिरोह) है।

कुल 24 फर्जी प्रमाण पत्र मिलने से कुछ और डॉक्टर और चिकित्सा अधिकारी शामिल होने की संभावना है। जो कभी सर्जरी नहीं हुई उसका सर्टिफिकेट उनके जरिए दिया गया है। साथ ही, जैसा कि यह पता चला है कि उनमें से कुछ की निजी अस्पतालों में सर्जरी हुई है, उन फाइलों की भी जांच की जा रही है। इसलिए संभावना है कि संबंधित निजी अस्पतालों में यह जांच कराई जाएगी।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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