Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 3:58 pm

लेटेस्ट न्यूज़

इस असली खूबसूरती के पीछे की नकली सच्चाई जानकर तो नटवरलाल के भी होश उड़ जाएं….

9 पाठकों ने अब तक पढा

सुमन कौशिक की रिपोर्ट 

इंदौर। नकली SDM बनकर घूमने वाली महिला नीलम पाराशर के खुलासों से क्राइम ब्रांच भी हैरान है। वह राज्यपाल के नाम की चिट्‌ठी खुद ही टाइप करके प्रिंट कर लेती थी। अफसरों जैसा रुतबा दिखाने के लिए उसने सबसे ज्यादा फोकस अपनी बॉडी लैंग्वेज पर किया था। असली अफसर भी उसके स्टाइल को देखकर धोखा खा जाते थे।

सागर की रहने वाली फर्जी SDM नीलम पाराशर ने बताया कि वह राज्यपाल मंगू भाई पटेल के नाम से खुद ही लेटर टाइप कर लेती थी। जैसे ही कोई उसकी ठगी की शिकायत करता, वह एक्टिव हो जाती थी। वह राज्यपाल के नाम की एक चिट्‌ठी बनाकर स्थानीय जांच अधिकारी को धमकाती और चिट्‌ठी के दम पर रौब झाड़ती। और तो और.. उसने जो गनमैन रखा था, रोज उसे 200 रुपए देती थी। क्राइम ब्रांच ने महिला के यहां से कई दस्तावेज और बैंक दस्तावेज बरामद किए हैं। पति और सील बनाने वाले की तलाश भी पुलिस ने शुरू कर दी है।

भोपाल-सागर में पकड़ाई, इंदौर को इसलिए बनाया ठिकाना

नकली SDM भोपाल और सागर में पहले भी दो बार पकड़ी जा चुकी है। इसके बाद उसने अपना ठिकाना इंदौर बना लिया था। पुलिस ने बताया कि नीलम दस्तावेज खुद के कम्प्यूटर से तैयार करती थी और फर्जी सील बनवाकर रखी थी। अफसर अब सील बनाने वाले की तलाश कर रहे हैं। नियमानुसार, कोई भी सरकारी सील बिना आधिकारिक लेटर हैड लिए नहीं बनाई जा सकती। आशंका है कि नकली SDM ने सील बनवाने के लिए भी फर्जी लेटर लगाया होगा।

लोगों को कलेक्टर ऑफिस बुलाती और बाहर ही खड़ा रखती

नीलम पाराशर सरकारी नौकरी के लिए सीधी भर्ती निकलने का कहकर लोगों को ठगती थी। लोगों को भरोसे में लेने के लिए वह उन्हें कलेक्टर ऑफिस बुला लेती और बाहर ही खड़ा रखती थी। अधिकारियों के केबिन में जाकर थोड़ी ही देर में लौट आती। बाहर आकर नौकरी का फॉर्म देकर रुपए ऐंठ लेती थी। पूछताछ में नीलम ने बताया कि वह रिश्तेदारों और परिचितों को लोगों को फंसाने का टारगेट देती थी। कलेक्टर परिसर से ही अपना नेटवर्क चलाती थी। नीलम ने भोपाल से SDM होने का कार्ड और अन्य दस्तावेज बनवाए हैं। उसे लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है।

नकली SDM नीलम पाराशर ने इंदौर के एक बेरोजगार से नौकरी देने के नाम पर दो लाख रुपए लिए थे। फिर कलेक्टर मनीष सिंह के नाम से फर्जी सील-साइन कर उसे लेटर जारी कर दिया। नीलम ने युवक को ADM अजयदेव शर्मा के गार्ड के रूप में नियुक्ति देने की बात लिखी थी। जब यह लेटर लेकर युवक ADM ऑफिस पहुंचा तो वहां लेटर की हकीकत पता चली।

पुलिस ने बताया कि उस वक्त मामले की गोपनीय जांच की गई थी, लेकिन नीलम तक नहीं पहुंच पाए थे। तब जांच ठंडे बस्ते में चली गई, क्योंकि नीलम को कोई ढूंढ ही नहीं पा रहा था। गुरुवार को नीलम के पकड़ाने के बाद पैसा देने वाले युवक योगेश को बुलाकर केस दर्ज कराया गया।

उधर, इंदौर के गौतमपुरा से साड़ियां लेकर नीलम दुकानदार प्रमिला के रुपए नहीं दे रही थी। प्रमिला ने पुलिस से इसकी शिकायत की थी। पुलिसकर्मियों ने दुकानदार से कहा कि मैडम से समझौता कर लो। नीलम को यह बात पता चली उसने जीएसटी का कहकर दुकान सील करवाने की धमकी दी। कपड़ा व्यापारी प्रमिला ने खोजबीन की तो पता चला कि नीलम पाराशर नाम की कोई महिला SDM इंदौर में है ही नहीं।

सागर की रहने वाली, शिशुरंजन स्कूल से पढ़ी, पति की तलाश शुरू

नीलम पाराशर मूल रूप से सागर की रहने वाली है। यहां उसने शिशु रंजन स्कूल से पढ़ाई की थी। यहां से भोपाल आ गई। कुछ दिन सिविल परीक्षा की तैयारी भी की, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। तेजाजी नगर इलाके के शिखरजी नगर में जिस बंगले पर रहती थी, वहां सुबह से ही घर से निकल जाती थी। आसपास के लोग भी उसे अधिकारी समझते थे। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक पति और उसके दो साथियों की तलाश की जा रही है। उनसे भी पूछताछ की जाएगी।

भोपाल के मिसरोद में पकड़ाई तो माफीनामा लिखकर छूटी

भोपाल के मिसरोद इलाके में राज्यपाल मंगू भाई के एक कार्यक्रम में नीलम का गार्ड सौमित्र मल्होत्रा पकड़ाया था। यहां पकड़ाने के बाद उसने एक लिखित माफीनामा दिया था। पुलिस ने यहां दबाव के चलते छोड़ा था बाद में उसकी साइबर और क्राइम ब्रांच ने जांच की थी। इन अधिकारियों को धमकाने के लिए ही नीलम ने राज्यपाल मंगू भाई का लेटर टाइप करवाकर उसे वरिष्ठ अधिकारियों को मेल करवा दिया था।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़