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19 January 2025 4:22 am

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जिंदगियां दांव पर ; “साहब 50 हजार रुपए ले लिए और मेरी बच्ची को मौत के हवाले कर दिया…”

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर, मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम पर शायद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मेहरबान है। यही वजह है कि जिंदगियां दांव पर लग रही हैं और कोई कार्रवाई नहीं।

बिधूना में भरथना रोड स्थित वीना हास्पिटल में प्रसव बाद जन्मी बच्ची मृत रही। जच्चा (महिला) की हालत बिगड़ती देख उसे स्वजन को बिना बताए ही इटावा जिले के रुद्राक्ष हास्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जानकारी होने पर तीमारदार पहुंचे। जहां से वह दूसरे अस्पताल ले गए। जहां उपचार से पहले मौत हो गई। शुक्रवार की दोपहर शव लेकर लाैटे और जमकर हंगामा किया। चिकित्सका स्टाफ ताला जड़कर भाग निकला।

35 वर्षीय पत्नी गीता और बच्ची की मौत पर पीड़ित लाल सिंह निवासी भगवानपुरा ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अर्चना श्रीवास्तव व पुलिस को लिखित तौर पर प्रार्थना पत्र दिया। आरोप लगाया कि प्रसव के नाम पर उससे 50 हजार रुपये जमा करा लिए गए और जन्मी बेटी को मार डाला गया। उपचार में लापरवाही बरती गई।

यह भी बताया कि वह गुरुवार की दोपहर तकरीबन 11 बजे साईं हास्पिटल में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पत्नी को लेकर आया था। यहां बताया गया कि गर्भ में पल रहे बच्चे की हालत ठीक नहीं। यहां पर भरथना रोड स्थित वीना हास्पिटल भेज दिया गया। जहां पर रात में प्रसव हुआ। मृत बच्ची के पैदा होने की जानकारी छिपाई गई।

शुक्रवार की सुबह बिना सूचना गीता को एंबुलेंस से इटावा भेज दिया गया। रुद्राक्ष हास्पिटल ले जाए जाने की बात पता लगी। जहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने भर्ती करने से मना किया। इसके बाद दूसरे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। कोतवाल जीवाराम का कहना है कि पूरे मामले की जांच शुरू कराई गई है। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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