दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
बदांयू। कलयुगी मां ने अपनी कोख से जन्मी नवजात कन्या को पत्थर दिल के लोगों के हाथों में थमा दिया। जिन्होंने नवजात को जिंदा ही खेत में दफन कर दिया, लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।
खेत में शौच को गई महिला ने नवजात के बिलखने की आवाज सुनी तो वह हैरत में पड़ गई। महिला ने मिट्टी में दबी नवजात को बहार निकाला और सीने से चिपटाकर घर आई। गांव पहुंचे एसओ वेदपाल सिंह ने नवजात को सीने से लगाकर दुलार किया। इसके बाद एसओ ने लिखा पढ़ी करके नवजात को चाइल्ड लाइन की टीम को सुपुर्द कर दिया है। टीम ने नवजात को महिला जिला अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराया है। यहां उसकी हालत स्वस्थ है। पुलिस अब आरोपियों की तलाश में छानबीन कर रही है।
सुखदेवी ने दिखाई मां की ममता
कादरचौक थाने के एसओ वेदपाल सिंह ने बताया कि गांव खितौलिया से कॉलर महाराज सिंह पुत्र करन सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके गांव में खेत में दफन जिंदा नवजात बच्ची मिली है। सूचना मिलने पर एसओ पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जहां नवजात गांव निवासी सुखदेवी पत्नी प्रताप के घर मौजूद मिली। पुलिस की जानकारी करने पर सुखदेवी ने बताया कि सुबह वह खेतीहार में शौच को गयी थी। इसी बीच उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। इस दौरान उन्हें मिट्टी में दबी नवजात के हाथ पैर दिखाई दिए तो उन्होंने नवजात को मिट्टी से बहार निकाला और उसे लेकर घर चली आई। यहां उन्होंने नवजात को स्नान कराया और उसे नये कपड़े पहनाए। एसओ ने चाइल्डलाइन के डिस्टिक कोऑर्डिनेटर कमल शर्मा की सुपुर्दगी में नवजात को दे दिया है।
नवजात को लेने वालों की लगी भीड़
खेत में नवजात कन्या के मिलने की खबर जैसे ही गांव वालों को लगी तो वह सीधे सुखदेवी के घर की ओर दौड़ने लगे। सुखदेवी के घर पर लोगों की भीड़ जुट गई। जिन्होंने एक ओर कलयुगी मां को कोसा तो दूसरी ओर से नवजात पर अपना दुलार बरसाया। इनमें से कई लोग नवजात को लेने की इच्छा जताने लगे। जब पुलिस ने नवजात को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया तो सुखदेवी की भी आंख भर आई।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."