टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
“मैं भी तो मां के कोख से ही पैदा हुई हूं। इसी सोसाइटी ने किन्नर नाम दिया, फिर भी हमें रहने के लिए एक फ्लैट तक नहीं मिलता।
गरीबी में पैदा हुई। स्कूल कभी नहीं गई। नौबत ऐसी थी कि काम करती तब खाना खाती। गांव में मिट्टी काटती थी। मछली बाजार में पॉलिथीन बेचती थी। मॉल में सेल्स का काम करती थी, लेकिन लोग बदतमीजी करते थे तो इस काम को भी छोड़ दिया।”
ये कहानी कोलकाता के पॉल्स की है जो 12 साल पहले घर-परिवार छोड़कर मुंबई आ गईं थी। मुंबई में उन्हें पूजा शर्मा नाम मिला, लेकिन कुछ सालों बाद वो मुंबई लोकल ट्रेन की रेखा के नाम से मशहूर हो गईं।
कभी मुंबई में सिग्नल पर भीख मांगने वाली पूजा शर्मा अब एक्टिंग-मॉडलिंग में पहचान बना रही हैं। उनके पूरे सफर को लेकर हमने उनसे खास बातचीत की है।
पूजा कहती हैं, घर छोड़ने के बाद आज तक कभी गांव नहीं लौटी। नहीं चाहती की मेरी वजह से सोसाइटी वाले परिवार को परेशान करें। मां आज भी पॉल्स ही समझती है। इसलिए सीना ढककर, मेकअप हटाकर, टोपी पहनकर उनसे वीडियो कॉल पर बात करती हूं।
पूजा अपनी कहानी बताते-बताते हांफने लगती हैं। जबान लड़खड़ाने लगती है। थोड़ा ठहरती हैं और आंखों से निकलते आंसुओं को साड़ी के कोने से पोछती हैं।
कहती हैं- हर कोई गर्व करता है कि मैं लड़की हूं, लड़का हूं। मैं क्यों न खुद पर गर्व करूं? जानबूझकर तो साड़ी नहीं पहनती हूं न? किसी लड़के को एक लाख रुपए दूंगी, कोई पहनकर इधर-से-उधर कर लेगा क्या?
बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा के स्टाइल में पूरे गेटअप के साथ पूजा शर्मा पहले मुंबई लोकल ट्रेन में डांस कर भीख मांगा करती थी। वो कहती हैं- जब ट्रेन में चढ़ती थी तो मेरी स्टाइल, ड्रेस को देखकर महिलाओं को लगता था कि सीरियल-सिनेमा-मॉडलिंग की शूटिंग करने वाली हूं। जैसे ही बोलती थी- “दीजिए न…” सभी चौक जाते थे।
पूजा को बचपन से ही साड़ी पहनना, एक्ट्रेस के गेटअप में खुद को तैयार करना पसंद था। उनके घर वालों को इससे दिक्कत होती थी। पूजा कहती हैं- गांव वाले तो चलते-चलते चॉकलेट देते थे और गंदी हरकतें करने लगते थे। हमारे साथ तो कदम-कदम पर रेप होता है। मां-बाप को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी। इसलिए चुपचाप घर छोड़कर मुंबई आ गई। रात होने से डर लगता था।
पूजा जब मुंबई आईं तो सिग्नल पर भीख मांगती थीं। दिनभर धूप में खड़ी रहती थीं। हरे रंग की साड़ी के पल्लू को थोड़ा सा खींचते हुए कहती हैं- धूप में पसीने से तरबतर हो जाती थी। पेट पालने के लिए दूसरों के घर बच्चा पैदा होने पर बधाई गाने-नाचने जाती थी।
उसके बाद मुंबई लोकल ट्रेनों में जाकर भीख मांगने लगी। मुंबई लोकल ट्रेन में भयंकर भीड़ रहती है। एक-दो बार गई, फिर डर गई।
महिला डिब्बों में मांगना शुरू किया। किस्मत उस वक्त बदली जब मैंने शाम के 7:40 बजे महिला लोकल ट्रेन (लेडीज स्पेशल 7:40) में, जिसमें सिर्फ महिलाएं ही होती हैं, भीख मांगना शुरू किया।
लेडीज स्पेशल मुंबई लोकल ट्रेन में ‘रेखा स्टाइल’ में डांस करती थी, जिसका किसी ने वीडियो बना लिया और वह वायरल हो गया। वहां से मुझे एक्टिंग-मॉडलिंग इंडस्ट्री में पहचान मिली।
पूजा कहती हैं- एक दिन एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित का फोन आया। जब मुझे बताया गया तो लगा कि कोई मजाक कर रहा है, लेकिन वो हकीकत था। रियलिटी शो ‘डांस दिवाने-3’ के लिए बुलाया गया था।
अब लोग पूजा शर्मा को ‘मुंबई की रेखा’ के नाम से जानते हैं। उनके पास कई नेशनल और इंटरनेशनल फोटो शूट, वेब सीरीज के प्रोजेक्ट हैं। इस वक्त वो ‘ओहो! जयपुर’ फैशन ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर हैं।
हालांकि, इतना सब कुछ होने के बावजूद भी पूजा को मुंबई में आज भी एक फ्लैट नहीं मिल पा रहा है। वो कहती हैं- लोग इज्जत तो देते हैं लेकिन बगल के फ्लैट में रहने नहीं देते। सोसाइटी में स्पेस नहीं मिल पाता है।
पूजा मुंबई लोकल ट्रेनों से आज भी जब ट्रैवल करती हैं तो रेखा स्टाइल में डांस करती हैं। बस एक रुपए मांगती हैं। उनका मानना है कि इससे सभी लोगों के बीच बराबरी आती है।
बातचीत के आखिरी पड़ाव पर वो कुछ कहते-कहते रुक जाती हैं। मां-पापा से आज भी वीडियो कॉल पर बिना मेकअप के लड़का बनकर ही बात करती हूं, ताकि उनका पॉल्स उन्हें दिखे। मां कहती है- ‘रात में भी तो घर आ जा, देख लूं। हमसे मिले हुए तुझे 12 साल से ज्यादा हो चुके हैं’।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."